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गुरुग्राम की बारिश ने खोली विकास की असलियत

गुरुग्राम, जिसे भारत की मिलेनियम सिटी कहा जाता है, हाल की बारिश के बाद जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। महंगे फ्लैट्स और पॉश कॉलोनियों में रहने वाले लोग भी इस स्थिति से प्रभावित हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो इस बात का प्रमाण हैं कि कैसे बुनियादी ढांचे की कमी ने इस चमकदार शहर की असलियत को उजागर किया है। जानें इस मुद्दे के पीछे की सच्चाई और विकास की चुनौतियों के बारे में।
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गुरुग्राम: एक चमकदार façade के पीछे की सच्चाई

गुरुग्राम, जिसे भारत की मिलेनियम सिटी के नाम से जाना जाता है, में भव्य इमारतें, महंगी गाड़ियां और आलीशान फ्लैट्स हर जगह देखे जा सकते हैं। यहां के अपार्टमेंट्स करोड़ों रुपये में बिकते हैं और इन्हें देश के सबसे महंगे रिहायशी प्रोजेक्ट्स में गिना जाता है। हाल ही में हुई हल्की बारिश ने इस चमकदार शहर की वास्तविकता को उजागर कर दिया।


बारिश के बाद, गुरुग्राम की पॉश कॉलोनियों में जलभराव हो गया। गोल्फ कोर्स रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सड़कों पर इतना पानी भर गया कि गाड़ियां फंस गईं। कई स्थानों पर तो लोगों के घरों में भी पानी घुस गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि करोड़ों के फ्लैट्स में रहने वाले लोग बारिश के पानी से परेशान हैं।


लोगों ने सोशल मीडिया पर मजाक करते हुए कहा कि ये अब 'सी फेसिंग अपार्टमेंट' बन गए हैं। यह सवाल उठता है कि जब लोग इतनी बड़ी कीमत चुका रहे हैं, तो उन्हें बुनियादी सुविधाएं क्यों नहीं मिलतीं? शहर का ड्रेनेज सिस्टम इतना कमजोर क्यों है कि थोड़ी सी बारिश में सड़कें तालाब में बदल जाती हैं?


हाल के वर्षों में गुरुग्राम में रियल एस्टेट का तेजी से विकास हुआ है, लेकिन बुनियादी ढांचे को उतनी प्राथमिकता नहीं दी गई। नालियों और पानी निकासी की व्यवस्था की कमी के कारण हर साल मानसून में ऐसी ही स्थिति देखने को मिलती है।


गुरुग्राम की यह स्थिति यह दर्शाती है कि विकास केवल ऊंची इमारतें बनाने से नहीं होता। जब तक शहर का आधारभूत ढांचा मजबूत नहीं होगा, तब तक करोड़ों के फ्लैट भी आम नागरिक को राहत नहीं दे सकते।