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गुरुग्राम मुआवजा घोटाले में दो ठग गिरफ्तार, कमीशन वसूली का मामला उजागर

गुरुग्राम में मुआवजा घोटाले ने हरियाणा में हलचल मचा दी है, जहां पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है। विकास और महेंद्र नाम के इन आरोपियों ने सरकारी योजनाओं के तहत लोगों से कमीशन वसूलने का काम किया। उन्होंने 15 से अधिक ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इनकी गिरफ्तारी हुई है। जानें इस घोटाले की पूरी कहानी और कैसे यह सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।
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गुरुग्राम मुआवजा घोटाले में दो ठग गिरफ्तार, कमीशन वसूली का मामला उजागर

गुरुग्राम मुआवजा घोटाले का खुलासा

गुरुग्राम में मुआवजा घोटाले ने हरियाणा में हलचल मचा दी है। पुलिस ने दो संदिग्धों, विकास और महेंद्र कुमार, को सरकारी योजनाओं और मुआवजे के नाम पर कमीशन वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया है।


इनके पास से तीन मोबाइल फोन और एक ब्रेजा गाड़ी बरामद की गई है। दोनों आरोपियों ने 15 से अधिक ठगी की घटनाओं का खुलासा किया है। यह मामला सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और जनता के विश्वास को चुनौती देता है। आइए, इस घोटाले की पूरी जानकारी प्राप्त करें।


ठगों की चालाकी और शिकार की तलाश

गुरुग्राम मुआवजा घोटाले में पकड़े गए विकास और महेंद्र ने चालाकी से लोगों को ठगा। विकास खैरथल, राजस्थान का निवासी है और एक आरओ कंपनी का प्रचार करता था, जबकि महेंद्र हेलीमंडी में पैथ लैब चलाता है।


दोनों ने सीएससी सेंटर्स से उन लोगों की सूची प्राप्त की, जिनके सरकारी मुआवजे या सहायता राशि अटकी थी। इसके बाद, वे पीड़ितों से संपर्क कर मुआवजा दिलाने के बदले 30% कमीशन मांगते थे। पुलिस की पूछताछ में विकास के खिलाफ रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में चोरी और एटीएम फ्रॉड के छह मामले सामने आए।


शिकायत और पुलिस की कार्रवाई

गुरुग्राम मुआवजा घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब जमालपुर पुलिस चौकी में एक शिकायत दर्ज की गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके भाई की मृत्यु के बाद उनकी भाभी ने दीनदयाल स्कीम के तहत 5 लाख रुपये के मुआवजे के लिए आवेदन किया था।


हालांकि, मंजूरी के बावजूद राशि उनके खाते में नहीं आई। जून 2024 में एक व्यक्ति ने भाभी को फोन कर मुआवजा दिलाने का वादा किया, लेकिन 1.5 लाख रुपये कमीशन मांगा। शिकायतकर्ता ने ठगों से संपर्क किया, जिन्होंने पटौदी में मुलाकात की और कमीशन की मांग दोहराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।


जांच और भविष्य की कार्रवाई

गुरुग्राम पुलिस ने दोनों आरोपियों को तीन दिन के रिमांड पर लिया है। इस घोटाले की जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस ठगी में और कितने लोग शामिल हैं।


यह मामला सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। लोगों से अपील की जाती है कि वे ऐसी योजनाओं के लिए केवल आधिकारिक चैनलों पर भरोसा करें और ठगों के झांसे में न आएं। पुलिस की सतर्कता ने कई लोगों को ठगी से बचाया है।