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गुरुग्राम में न्याय के लिए मध्यस्थता अभियान की शुरुआत

गुरुग्राम में 'मीडिएशन फॉर नेशन' अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य लंबित मामलों का त्वरित और सौहार्दपूर्ण समाधान प्रदान करना है। यह अभियान 30 सितंबर 2025 तक चलेगा और इसमें पारिवारिक, संपत्ति, और उपभोक्ता विवादों को प्राथमिकता दी जाएगी। न्यायाधीशों ने इस पहल की सराहना की है, जिससे नागरिकों को शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद है। अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क किया जा सकता है।
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गुरुग्राम में न्याय के लिए मध्यस्थता अभियान की शुरुआत

मध्यस्थता अभियान का शुभारंभ


  • परिवार, संपत्ति, किराया, दुर्घटना व उपभोक्ता मामलों में प्राथमिकता से होगा समाधान


(Gurugram News) गुरुग्राम। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के सहयोग से शनिवार को यहां 'मीडिएशन फॉर नेशन' अभियान की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) गुरुग्राम में किया गया, जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश और डीएलएसए के चेयरपर्सन ने भाग लिया।


डीएलएसए गुरुग्राम के सचिव रजत वर्मा ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का त्वरित और सौहार्दपूर्ण समाधान प्रदान करना है, ताकि आम नागरिकों को शीघ्र न्याय मिल सके और विवादों का समाधान हो सके। यह विशेष अभियान 30 सितंबर 2025 तक चलेगा और इसका संचालन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के मार्गदर्शन में किया जाएगा।


इस अभियान के तहत मामलों की पहचान की जाएगी और पक्षकारों को सूचित किया जाएगा, ताकि प्रशिक्षित मध्यस्थों के माध्यम से आपसी समझौते के लिए प्रेरित किया जा सके।


मुकदमों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम


उन्होंने बताया कि इस दौरान पारिवारिक विवाद, संपत्ति विवाद, दुर्घटना क्षतिपूर्ति, चेक बाउंस, किरायेदारी, उपभोक्ता विवाद, और अन्य सिविल एवं आपराधिक मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। बैठक में उपस्थित सभी न्यायाधीशों ने इस पहल की सराहना की और इसे मुकदमों के शीघ्र एवं स्थायी समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


इस अभियान से संबंधित अधिक जानकारी के लिए नागरिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गुरुग्राम से संपर्क कर सकते हैं। फोन नंबर 0124-2221501 पर कॉल करके या ईमेल के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 15100 पर भी सहायता ली जा सकती है।