गुरुग्राम में विदेशी नागरिकों का स्वच्छता अभियान: क्या है इसका उद्देश्य?

गुरुग्राम में सामुदायिक स्वच्छता पहल
गुरुग्राम में स्वच्छता अभियान: रविवार को, गुरुग्राम में विदेशी नागरिकों ने मिलकर एक सामुदायिक स्वच्छता अभियान का आयोजन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य शहर की सड़कों और नालियों की सफाई करना था। इस पहल का नेतृत्व सर्बियाई नागरिक लाजर ने किया, जिसमें फ्रांस, जापान, और अमेरिका के स्वयंसेवक भी शामिल हुए। ये सभी स्थानीय स्वच्छता समस्याओं के समाधान के लिए एकत्रित हुए।
दो मीटर की सफाई की जिम्मेदारी लें
लाजर ने स्थानीय निवासियों से अनुरोध किया कि वे अपने घरों और व्यवसायों के आसपास कम से कम दो मीटर की सफाई की जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि भारत एक अद्भुत देश है, लेकिन यहाँ के लोग अक्सर अपने आस-पास की सफाई पर ध्यान नहीं देते। लाजर ने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थानों की देखभाल के लिए लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव आना चाहिए, क्योंकि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत घरों तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
#WATCH | हरियाणा | गुरुग्राम में विदेशी नागरिकों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सड़कों और नालियों की सफाई के लिए एक अभियान आयोजित किया। (24.08) pic.twitter.com/3zKvRz7uIs
— News Media (@NewsMedia) August 25, 2025
कचरे की समस्या पर चिंता
फ्रांसीसी स्वयंसेवक मैटिल्डा ने भारत की प्रशंसा करते हुए गुरुग्राम के कुछ क्षेत्रों की सफाई की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "भारत एक खूबसूरत देश है, लेकिन कभी-कभी यहाँ कचरा हर जगह नजर आता है।" उनके विचार कई अन्य स्वयंसेवकों से मेल खाते थे, जो शहर में उचित कचरा प्रबंधन और सार्वजनिक सफाई की कमी को लेकर चिंतित थे। इस अभियान में लगभग 40 स्वयंसेवक शामिल हुए, जिन्होंने गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशन और आसपास के आवासीय क्षेत्रों में सफाई का कार्य किया।
नागरिकों और नगरपालिका के बीच सहयोग की आवश्यकता
गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने इस अभियान की सराहना की, लेकिन साथ ही शहर में कचरा प्रबंधन की जटिलताओं की ओर भी ध्यान दिलाया। एमसीजी के संयुक्त आयुक्त प्रदीप दहिया ने स्वयंसेवकों को "नागरिक जिम्मेदारी का उज्ज्वल उदाहरण" बताया और कहा कि नागरिकों और नगरपालिका के बीच सहयोग की निरंतर आवश्यकता है।
कचरा संग्रहण दर में गिरावट
गुरुग्राम, जो एक विकसित व्यावसायिक केंद्र है, यहाँ सफाई और कचरा प्रबंधन के कई गंभीर मुद्दे बने हुए हैं। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि शहर में घर-घर कचरा संग्रहण की दर पिछले वर्ष 85% से घटकर अब केवल 59% रह गई है। नालियों में जाम, कचरे का जमाव और उचित कचरा वर्गीकरण की कमी मुख्य समस्याएं हैं, खासकर मानसून के दौरान, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं।
#WATCH | गुरुग्राम, हरियाणा | स्वच्छता अभियान में भाग लेते हुए, मैटिल्डा, एक फ्रांसीसी नागरिक ने कहा, "भारत अद्भुत है। मुझे यह देश पसंद है। लेकिन यह बहुत दुखद है कि कभी-कभी यहाँ हर जगह कचरा होता है..." (24.08) https://t.co/wvD40zvkoE pic.twitter.com/Q8Kg1eZjwz
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स्वच्छता में साझा जिम्मेदारी
यह स्वच्छता अभियान यह संदेश देता है कि शहरी सफाई केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी का साझा दायित्व है। चाहे कोई किसी भी देश का नागरिक हो, वह अपने आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा रखने में भूमिका निभा सकता है। यह छोटी पहल यह दिखाती है कि समुदाय के सभी सदस्य, उनकी राष्ट्रीयता चाहे जो भी हो, मिलकर अपनी जगह को बेहतर बनाने के लिए कदम उठा सकते हैं। इस तरह की पहल से न केवल स्वच्छता बढ़ेगी, बल्कि एकजुटता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत होगी।