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गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट: भू-तकनीकी सर्वे के लिए टेंडर जारी

गुरुग्राम में ओल्ड मेट्रो प्रोजेक्ट की तैयारी तेजी से चल रही है, जिसमें भू-तकनीकी सर्वे के लिए टेंडर जारी किया गया है। यह प्रोजेक्ट 29 किलोमीटर लंबा होगा और तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर-9 तक का निर्माण होगा। इसके अलावा, रेलवे स्टेशन तक मेट्रो का विस्तार करने की योजना भी है। जानें इस प्रोजेक्ट के बारे में और क्या बदलाव आएंगे।
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गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट: भू-तकनीकी सर्वे के लिए टेंडर जारी

गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट की तैयारी

गुरुग्राम में ओल्ड मेट्रो प्रोजेक्ट को वास्तविकता में बदलने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (GMRL) ने इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए भू-तकनीकी सर्वे का टेंडर जारी किया है।


यह टेंडर 12 जून को खोला जाएगा, और चयनित कंपनी को 60 दिनों के भीतर सर्वेक्षण पूरा करना होगा। गुरुग्राम के निवासी मेट्रो की सुविधा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आइए, इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं।


तीन चरणों में होगा ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो का निर्माण

ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है। GMRL ने इसे तीन चरणों में पूरा करने की योजना बनाई है। पहले चरण में मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर-9 तक का निर्माण होगा।


दूसरे चरण में सेक्टर-9 को साइबर सिटी से जोड़ा जाएगा। तीसरे चरण में मेट्रो डिपो का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण का भू-तकनीकी सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है, जिससे स्थानीय लोगों में उत्साह बढ़ा है।


रेलवे स्टेशन तक मेट्रो का विस्तार

ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो का विस्तार रेलवे स्टेशन तक करने की योजना है। GMRL ने सेक्टर-5 स्टेशन से रेलवे स्टेशन को जोड़ने का निर्णय लिया है, जिसके लिए भू-तकनीकी सर्वेक्षण किया जाएगा।


यदि केंद्र और हरियाणा सरकार से मंजूरी मिलती है, तो मेट्रो का विस्तार संभव हो सकेगा। हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HMRTC) भी इस दिशा में सक्रिय है, जिससे गुरुग्राम की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।


भोंडसी से सेक्टर-5 तक की योजना

HMRTC ने भोंडसी से रेलवे स्टेशन तक मेट्रो की योजना बनाई है, जिसमें सेक्टर-5 में एक इंटरचेंज स्टेशन का निर्माण होगा।


भविष्य में भोंडसी मेट्रो से सेक्टर-5 तक कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी, जिससे ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। मेट्रो निर्माण से यात्रा का समय कम होगा, और GMRL का लक्ष्य है कि लोग तेज और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव करें।


भू-तकनीकी सर्वे की प्रक्रिया

ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के लिए भू-तकनीकी सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसमें 30 मीटर गहरे बोरवेल से मिट्टी और पानी के सैंपल लिए जाते हैं, जिन्हें प्रयोगशाला में जांचा जाता है।


इस रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो फाउंडेशन और डिजाइन तैयार किया जाएगा। 60 दिनों में सर्वेक्षण पूरा होगा, जो मेट्रो पिलर की मजबूती सुनिश्चित करेगा। यह कदम गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट को गति देने में महत्वपूर्ण है।