गुरुग्राम मेट्रो: शहर के भविष्य को बदलने वाली परियोजना

गुरुग्राम मेट्रो परियोजना का महत्व
गुरुग्राम मेट्रो: शहर के भविष्य को बदलने वाली परियोजना - हरियाणा का तेजी से विकसित हो रहा शहर, गुरुग्राम, जल्द ही एक अत्याधुनिक मेट्रो नेटवर्क का हिस्सा बनने जा रहा है। यह 'गुरुग्राम मेट्रो परियोजना' न केवल स्थानीय निवासियों के लिए यात्रा को सरल बनाएगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लाखों लोगों को भी राहत प्रदान करेगी।
केंद्रीय मंत्री की समीक्षा बैठक
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक आयोजित की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि काम को समय पर और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाए। यह परियोजना गुरुग्राम के पुराने और नए हिस्सों को जोड़ने का कार्य करेगी, जिससे ट्रैफिक की भीड़ कम होगी और पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।गुरुग्राम मेट्रो
निर्माण कार्य की प्रगति
गुरुग्राम मेट्रो का निर्माण कार्य अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को सेक्टर 44 में एक बैठक में परियोजना की प्रगति पर चर्चा की और अधिकारियों को हर चार महीने में प्रगति की समीक्षा करने का आश्वासन दिया।
परियोजना के लाभ
उन्होंने कहा कि यह परियोजना शहर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि यह न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि प्रदूषण और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं को भी कम करेगी। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना में गुणवत्ता और पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाए। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) के निदेशक एसआर सांगवा ने बताया कि पहले चरण के लिए 15 मई को निविदाएं खोली गई थीं, और आठ आवेदनों का मूल्यांकन चल रहा है।
सड़क निर्माण की योजना
इसके साथ ही, हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक तक सड़क निर्माण की योजना पर भी चर्चा हुई। यह सड़क गुरुग्राम के सबसे व्यस्त औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ेगी। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस सड़क का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाए और सभी प्रशासनिक औपचारिकताएं समय पर पूरी की जाएं।
यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य
जीएमडीए के मुख्य अभियंता अरुण धनखड़ ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए यूटिलिटी शिफ्टिंग का काम शुरू हो चुका है, जिसमें डीएचबीवीएन के 32 फीडरों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, मौजूदा संरचनाओं को हटाने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ सहमति बन चुकी है।
समीक्षा बैठक का आयोजन
यह समीक्षा बैठक गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के सेक्टर 44 कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें जीएमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, एचएसवीपी प्रशासक वैशाली सिंह, डीसीपी ट्रैफिक राजेश मोहन, और एचएमआरटीसी, जीएमआरएल, गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी), और डीएचबीवीएन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यह परियोजना गुरुग्राम के भविष्य को नई दिशा देने का वादा करती है, और केंद्रीय मंत्री की सक्रिय भागीदारी से यह उम्मीद जागती है कि यह जल्द ही धरातल पर उतरेगी।