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गूगल ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के लिए विशेष डूडल पेश किया

गूगल ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर एक विशेष डूडल पेश किया है, जो भारत की पारंपरिक टाइल डिजाइनों से प्रेरित है। इस डूडल में जयपुर की नीली मिट्टी के बर्तनों और पश्चिम बंगाल के टेराकोटा राहत कार्यों की झलक देखने को मिलती है। इसमें अंतरिक्ष अन्वेषण, क्रिकेट, शतरंज और सिनेमा में भारत की उपलब्धियों को दर्शाने वाले विषय शामिल हैं। यह डूडल न केवल कला का जश्न मनाता है, बल्कि स्वतंत्रता के उत्सव को भी दर्शाता है।
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गूगल ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के लिए विशेष डूडल पेश किया

स्वतंत्रता दिवस 2025 का डूडल

स्वतंत्रता दिवस 2025: आज शुक्रवार को गूगल ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक आकर्षक डूडल प्रस्तुत किया है, जो देश की पारंपरिक टाइल डिजाइनों से प्रेरित है। इस डूडल में जयपुर की नीली मिट्टी के बर्तनों से लेकर पश्चिम बंगाल के टेराकोटा राहत कार्यों तक की झलक देखने को मिलती है।


डिजिटल कलाकृति की विशेषताएँ

इस डिजिटल कलाकृति में ऐसे विषयों को शामिल किया गया है जो अंतरिक्ष अन्वेषण, क्रिकेट, शतरंज और सिनेमा में भारत की उपलब्धियों को दर्शाते हैं। 'गूगल' शब्द के अक्षर छह विशेष रूप से डिज़ाइन की गई टाइलों से बने हैं, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट शैलियों को प्रदर्शित करते हैं।


स्वतंत्रता दिवस 2025 गूगल डूडल

  • पहली टाइल राजस्थान के जयपुरी नीले मिट्टी के बर्तनों से प्रेरित है, जिसमें पुष्प रूपांकनों से घिरे एक पारंपरिक फॉन्ट में 'G' अक्षर अंकित है।
  • दूसरी टाइल पुष्प पैटर्न और एक अंतरिक्ष यान की छवि से सुसज्जित है।
  • तीसरी टाइल को एक पारंपरिक डिजाइन और दो क्रिकेट बैटों से घिरी एक क्रिकेट गेंद से सजाया गया है।
  • चौथी टाइल एक और अनूठी पारंपरिक भारतीय टाइल डिजाइन का प्रतिनिधित्व करती है।
  • पांचवीं टाइल के बीच में एक शतरंज का मोहरा दिखाया गया है।
  • छठी टाइल पर 'L' और 'E' अक्षरों से बनी एक सिनेमा रील है।


कलाकृति की प्रेरणा

यह डूडल बूमरैंग स्टूडियो के कलाकार मकरंद नारकर और सोनल वासवे द्वारा तैयार किया गया है, जो पारंपरिक टाइल कला के माध्यम से भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत को सम्मानित करता है। गूगल के नोट के अनुसार, टाइलों में राजस्थान के जयपुर ब्लू पॉटरी से लेकर पश्चिम बंगाल की टेराकोटा रिलीफ तक, भारत की विभिन्न शैलियों और बनावटों को दर्शाया गया है। प्रत्येक टाइल न केवल एक क्षेत्रीय कला शैली को दर्शाती है, बल्कि अंतरिक्ष मिशन, विश्व शतरंज खिताब, क्रिकेट जीत और वैश्विक फिल्म पहचान जैसे राष्ट्रीय मील के पत्थर का भी जश्न मनाती है।


स्वतंत्रता का उत्सव

इस दिन, नागरिक समारोहों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और देशभक्ति के प्रदर्शन के माध्यम से अपनी स्वतंत्रता और गौरव का इजहार करते हैं। पूरे भारत में ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए जाते हैं, साथ ही देशभक्ति के गीत, नाटक और नृत्य भी प्रस्तुत किए जाते हैं। घरों और गलियों को राष्ट्रीय ध्वज से सजाया जाता है, जबकि रंग-बिरंगी पतंगें आसमान में स्वतंत्रता का प्रतीक बनकर छा जाती हैं। यह उत्सव भारत के अतीत का सम्मान करता है और इसके भविष्य की आशा करता है।