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गेहूं भंडारण के लिए पारंपरिक तरीके: फसल को सालभर ताजा रखें

बिहार के जमुई जिले के किसान कैलाश सिंह ने पारंपरिक तरीकों से गेहूं भंडारण की विधियों का खुलासा किया है। ये तरीके न केवल किफायती हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं। मिट्टी के बर्तन और जूट की बोरियां गेहूं को सालभर ताजा रखने में मदद करती हैं। जानें इन तकनीकों की विशेषताएँ और कैसे इन्हें अपनाकर किसान अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
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गेहूं भंडारण के लिए पारंपरिक तरीके: फसल को सालभर ताजा रखें

गेहूं भंडारण: देसी तरीकों से फसल को सुरक्षित रखें

किसानों के लिए गेहूं भंडारण से जुड़ी एक सकारात्मक खबर आई है। बिहार के जमुई जिले के किसान कैलाश सिंह ने बताया कि पारंपरिक देसी विधियों का उपयोग करके बिना किसी कीटनाशक के गेहूं को पूरे वर्ष सुरक्षित रखा जा सकता है।


मिट्टी के बर्तन और जूट की बोरियां इस प्रक्रिया में अत्यधिक प्रभावी साबित होती हैं। ये तरीके न केवल किफायती हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हैं। आइए, जानते हैं इन प्राचीन तकनीकों की विशेषताएं और इन्हें कैसे अपनाया जा सकता है।


मिट्टी के बर्तनों का उपयोग

कैलाश सिंह के अनुसार, मिट्टी के बर्तन गेहूं भंडारण के लिए सबसे प्रभावी देसी उपाय हैं। पहले हर गांव में बड़े मिट्टी के घड़े अनाज रखने के लिए उपयोग किए जाते थे। ये बर्तन अंदर से ठंडे रहते हैं और नमी को नियंत्रित करते हैं।


इन घड़ों को उपयोग से पहले धूप में अच्छे से सुखाया जाता है। गेहूं भरने के बाद, ढक्कन लगाकर मिट्टी या गोबर से सील कर दिया जाता है। यह विधि कीटों को अनाज से दूर रखती है। कैलाश बताते हैं कि यह तकनीक पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी उतनी ही प्रभावी है।


जूट की बोरियों का महत्व

जूट की बोरियां भी गेहूं भंडारण के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। कैलाश सिंह का कहना है कि गेहूं को जूट की मोटी बोरियों में रखने से पहले उसे अच्छे से साफ करना आवश्यक है। गंदगी हटाने के बाद, गेहूं को तेज धूप में सुखाया जाता है। इससे नमी समाप्त होती है और घुन की समस्या नहीं होती।


हालांकि, इस विधि में हर डेढ़ महीने बाद गेहूं को निकालकर फिर से धूप में सुखाना पड़ता है। खासकर गर्मियों में, जब धूप तेज होती है, यह प्रक्रिया और भी प्रभावी हो जाती है। यह मेहनत भरा है, लेकिन कीटनाशकों से मुक्त रखता है।


फसल की सुरक्षा और पर्यावरण की देखभाल

ये देसी तरीके न केवल गेहूं को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान से बचाते हैं। कीटनाशकों का उपयोग गेहूं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मिट्टी के बर्तन और जूट की बोरियां प्राकृतिक और सस्ते विकल्प हैं।


कैलाश सिंह सलाह देते हैं कि किसान इन विधियों को अपनाकर अपनी फसल को लंबे समय तक ताजा रख सकते हैं। साथ ही, बार-बार धूप में सुखाने से गेहूं में चमक बनी रहती है। यह तरीका विशेष रूप से ग्रामीण किसानों के लिए लाभकारी है।