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गोवा में IAS अधिकारी की कार रोकने पर पुलिसकर्मियों को मिली सजा

गोवा में एक आईएएस अधिकारी की कार को चेकिंग के लिए रोकने पर पुलिसकर्मियों को सजा का सामना करना पड़ा। इस घटना ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया और डीजीपी ने एसपी की कार्रवाई को अनुचित बताया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की प्रतिक्रिया।
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गोवा में IAS अधिकारी की कार रोकने पर पुलिसकर्मियों को मिली सजा

पुलिसकर्मियों की कार्रवाई पर आई सख्त प्रतिक्रिया

पणजी: गोवा में एक आईएएस अधिकारी की कार को चेकिंग के लिए रोकने का निर्णय पुलिसकर्मियों के लिए महंगा साबित हुआ। उत्तरी गोवा में एक अजीब घटना में, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने जब एक आईएएस अधिकारी की गाड़ी रोकी, तो एसपी (नॉर्थ) हरिश्चंद्र मदकाइकर ने उन्हें अपने कार्यालय बुलाकर सजा दी। इस घटना ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया और मामला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) तक पहुंच गया, जिन्होंने एसपी की कार्रवाई को नियमों के खिलाफ बताया।


घटनाक्रम के अनुसार, ओल्ड गोवा पुलिस और इंडियन रिजर्व बटालियन (IRBn) के जवान सांताक्रूज क्षेत्र में नाकाबंदी कर रहे थे। इसी दौरान, एक 'बीआर' (बिहार) नंबर की कार को जांच के लिए रोका गया। कार चालक ने अपनी पहचान बताई और खुद को केंद्र सरकार का आईएएस अधिकारी बताया, जिसके बाद वह वहां से चला गया। लेकिन कुछ समय बाद, वह गुस्से में वापस आया और अपनी कार की डिक्की खोलकर सामान सड़क पर फेंक दिया। उसने पुलिसकर्मियों को चुनौती दी और फिर सामान वापस रखकर वहां से निकल गया। इसके बाद, उसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की।


इस शिकायत के बाद, एसपी हरिश्चंद्र मदकाइकर को मामले की जांच सौंपी गई। आरोप है कि एसपी ने ओल्ड गोवा थाने के पुलिसकर्मियों को अपने कार्यालय में बुलाकर उन्हें उठक-बैठक करने की सजा दी। गोवा के डीजीपी आलोक कुमार ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डीजीपी ने एसपी की इस हरकत को 'अनुचित' करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिसकर्मियों को शारीरिक दंड देना नियमावली का हिस्सा नहीं है। डीजीपी ने एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे नियमों के अनुसार कार्य करें और जवानों का अपमान न करें।


इस घटना ने गोवा पुलिस के निचले स्तर के कर्मचारियों के मनोबल पर गहरा असर डाला है। विभाग के भीतर इस कार्रवाई की आलोचना हो रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि नियमों का पालन करने पर पुलिसकर्मियों को इस तरह अपमानित किया जाएगा, तो वे भविष्य में अपनी ड्यूटी करने में हिचकिचाएंगे। फिलहाल, पुलिस मुख्यालय इस मामले पर नजर बनाए हुए है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि ड्यूटी कर रहे जवानों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो, चाहे सामने कोई भी वीआईपी क्यों न हो।