Newzfatafatlogo

गौतम अडानी का प्रेरणादायक भाषण: उद्यमिता की यात्रा और संघर्ष का महत्व

गौतम अडानी ने IIM लखनऊ में अपने उद्यमिता के सफर पर एक प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भविष्य की संभावनाओं और संघर्ष के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने अंतर्ज्ञान पर भरोसा करें और जोखिम उठाने से न डरें। अडानी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने 16 साल की उम्र में उद्यमिता की शुरुआत की और अपने व्यवसाय दृष्टिकोण को विकसित किया। उनके विचारों ने छात्रों को प्रेरित किया और उन्हें साहसिकता की ओर अग्रसर किया।
 | 
गौतम अडानी का प्रेरणादायक भाषण: उद्यमिता की यात्रा और संघर्ष का महत्व

गौतम अडानी का प्रेरणादायक भाषण

अडाणी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने आज IIM लखनऊ में अपने उद्यमिता के सफर पर एक प्रेरणादायक भाषण दिया। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "भविष्य उन लोगों का होता है जो सुरक्षित रास्ते नहीं चुनते, बल्कि जो संभावनाओं को अधिकतम करने के लिए अज्ञात क्षेत्रों में कदम रखते हैं।"


भारत की बौद्धिक पूंजी की सराहना

अडाणी ने इस प्रतिष्ठित संस्थान में बोलने को गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा, "यह संस्थान भारत की सर्वश्रेष्ठ बौद्धिक पूंजी का प्रतीक है।" उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि जब डेटा समाप्त हो जाए, तो अपने अंतर्ज्ञान पर भरोसा करें। यही वह तरीका है जिससे भविष्य सुरक्षित होता है, न कि कॉरपोरेट्स के माध्यम से, बल्कि साहस के जरिए।


संघर्ष का महत्व

जीवन में संघर्ष के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा माना है कि कुछ भी मूल्यवान हासिल करने के लिए आपको परखा जाएगा।" उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "मेरी हर महत्वपूर्ण यात्रा में ऐसे क्षण आए जब मेरे संसाधन समाप्त हो गए और मेरा समर्थन तंत्र विफल हो गया। केवल एक चीज जो मेरे साथ हमेशा रही, वह थी मेरे बड़े सपनों के प्रति दृढ़ विश्वास, जो संघर्ष के लायक थे।"


16 साल की उम्र में उद्यमिता की शुरुआत

अपनी उद्यमिता की यात्रा को याद करते हुए अडाणी ने बताया, "मेरी यात्रा 16 साल की उम्र में शुरू हुई, जब मैंने अहमदाबाद छोड़कर मुंबई में हीरा व्यापार में काम करना शुरू किया।" उन्होंने कहा, "यह मेरा जोखिम, रिश्तों और वैश्विक नेटवर्क की ताकत से पहला परिचय था।"


व्यवसाय दृष्टिकोण का विकास

अडाणी ने उस समय को भी याद किया जिसने उनके व्यवसाय दृष्टिकोण को आकार दिया। उन्होंने कहा, "लगभग तीन साल बाद, मुझे अहमदाबाद वापस बुलाया गया ताकि मैं अपने भाई के पॉलिमर कारखाने को संभाल सकूं। वहां मैंने स्केल, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन के महत्व को समझा। इन अनुभवों ने मेरे पूरे व्यवसाय दृष्टिकोण को आकार दिया।"