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ग्रेटर नोएडा के ग्रैंड वेनिस प्रोजेक्ट में खरीदारों के लिए राहत की खबर

ग्रेटर नोएडा के ग्रैंड वेनिस प्रोजेक्ट में खरीदारों के लिए राहत की एक नई खबर आई है। इंसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने सभी खरीदारों से आवेदन मांगे हैं, जिसमें उन्हें अपनी बुक की गई यूनिट का कब्जा या जमा राशि वापस लेने का विकल्प दिया गया है। इस प्रोजेक्ट में सैकड़ों खरीदारों का पैसा फंसा हुआ है, और वे वर्षों से न्याय की मांग कर रहे थे। अब, आईआरपी की प्रक्रिया से उन्हें उम्मीद है कि उन्हें उनके निवेश का न्याय मिलेगा।
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ग्रेटर नोएडा के ग्रैंड वेनिस प्रोजेक्ट में खरीदारों के लिए राहत की खबर

ग्रैंड वेनिस प्रोजेक्ट में खरीदारों को मिली राहत

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के विवादित ग्रैंड वेनिस प्रोजेक्ट के खरीदारों के लिए एक सकारात्मक विकास हुआ है। दिवालिया प्रक्रिया के तहत, इंसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) ने सभी खरीदारों से आवेदन मांगे हैं। इस संबंध में एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई है, जिसमें खरीदारों को 14 दिन का समय दिया गया है ताकि वे यह स्पष्ट कर सकें कि वे अपनी बुक की गई यूनिट का कब्जा चाहते हैं या फिर अपनी जमा राशि वापस लेना चाहते हैं।


सैकड़ों खरीदारों का निवेश फंसा
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रैंड वेनेजिया कॉमर्शियल टावर्स द्वारा विकसित ग्रैंड वेनिस मॉल और उससे जुड़े कमर्शियल स्पेस में सैकड़ों खरीदारों का पैसा फंसा हुआ है। खरीदार पिछले कई वर्षों से यूपी रेरा, एनसीएलटी और सुप्रीम कोर्ट में न्याय की मांग कर रहे थे। अंततः, 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए आईआरपी को निर्देश दिया कि वह सभी प्रभावित खरीदारों से विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।


आवेदन में आवश्यक जानकारी
खरीदारों को आवेदन में अपना नाम, संपर्क विवरण, पहचान पत्र, बुक की गई यूनिट की जानकारी, कब्जे की स्थिति, यूनिट की कुल कीमत, अब तक किया गया भुगतान और अपनी कुल दावा राशि बतानी होगी। इसके अलावा, उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि वे फ्लैट या कमर्शियल यूनिट का कब्जा चाहते हैं या अपनी राशि ब्याज के साथ या बिना ब्याज के वापस लेना चाहते हैं। आवंटन पत्र, पेमेंट रसीद और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न करने होंगे।


प्रोजेक्ट का विवादित इतिहास
ग्रैंड वेनिस प्रोजेक्ट का नाम बाइक बोट घोटाले में भी सामने आया है। खरीदारों का आरोप है कि बिल्डर ने उनके पैसे का उपयोग अन्य प्रोजेक्ट्स में किया। इस मामले में पुलिस ने बिल्डर को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई। मॉल के अंदर चल रही गंडोला राइड को भी वसूली के कारण बंद कर दिया गया था।


खरीदारों की उम्मीदें
खरीदारों का मानना है कि यदि आईआरपी की प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ती है, तो उन्हें वर्षों से लटके अपने निवेश का न्याय मिल सकता है। अब सभी की नजरें आईआरपी के आगामी निर्णयों पर टिकी हुई हैं।