Newzfatafatlogo

ग्रेटर नोएडा में ठग गिरोह का पर्दाफाश, लाखों की ठगी का मामला

ग्रेटर नोएडा में बिसरख थाना पुलिस ने एक बड़े ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो ब्रांडिंग और फर्जी आईएसओ सर्टिफिकेट के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरोह की कार्यप्रणाली में डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया का उपयोग शामिल था। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हुए हैं।
 | 
ग्रेटर नोएडा में ठग गिरोह का पर्दाफाश, लाखों की ठगी का मामला

ग्रेटर नोएडा में ठगी का खुलासा

ग्रेटर नोएडा समाचार: बिसरख थाना पुलिस ने एक बड़े ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह ब्रांडिंग, डिजिटल मार्केटिंग और फर्जी आईएसओ सर्टिफिकेट के नाम पर देशभर के उत्पादकों से लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 9 लैपटॉप, 1 टैबलेट, 8 मोबाइल फोन, फर्जी सर्टिफिकेट और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं।


प्रमोशन और सर्टिफिकेशन के नाम पर धोखाधड़ी

बिसरख क्षेत्र के एक व्यापारी ने शिकायत की थी कि उसने अपनी कंपनी के उत्पादों, जैसे घी और मुरब्बा, के लिए ब्रांडौलाजी मार्केटिंग नामक कंपनी से संपर्क किया था। कंपनी ने उसे मुनाफा बढ़ाने और आईएसओ सर्टिफिकेट दिलाने का आश्वासन दिया। इस प्रक्रिया में व्यापारी से कुल 3 लाख रुपये से अधिक की राशि ठग ली गई।


गिरोह की कार्यप्रणाली

पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह पहले भी फर्जी कंपनियों के माध्यम से ठगी कर चुका है। आरोपी सोशल मीडिया पर डिजिटल मार्केटिंग, वेबसाइट डिजाइनिंग, आईएसओ सर्टिफिकेशन और अमेजन-फ्लिपकार्ट लिस्टिंग के विज्ञापन चलाते थे। जब ग्राहक संपर्क करता, तो प्रमोशन और सर्टिफिकेट के नाम पर पैसे वसूले जाते थे। आरोपी इंटरनेट से फर्जी आईएसओ सर्टिफिकेट के टेम्प्लेट डाउनलोड कर उन्हें संपादित करके एक दिन में ही ग्राहक को भेज देते थे। इसके बाद, वे वेबसाइट पर फर्जी डेटा अपलोड कर ग्राहक को बड़े मुनाफे का झांसा देते थे।


गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मयंक तिवारी, विकास शर्मा, प्रदीप कुमार यादव, अविनाश गिरी, प्रदीप यादव और केशव शर्मा शामिल हैं। सभी आरोपी एक-दूसरे के दोस्त हैं और ठगी की रकम को आपस में बांट लेते थे।


पूछताछ में खुलासे

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे विभिन्न राज्यों के उत्पादकों को निशाना बनाते थे। उनके कार्यालय में कोई सीधे विरोध न कर सके, इसलिए वे बाहरी लोगों को टारगेट करते थे। सर्टिफिकेट और प्रमोशन के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे। कुछ सैंपल दिखाकर यह दिखाते थे कि डिस्ट्रीब्यूटर को भेज दिए गए हैं। आरोपियों के खिलाफ पहले भी थाना सेक्टर-63 में मामला दर्ज है। अब बिसरख थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।