Newzfatafatlogo

ग्रेटर नोएडा में बेसमेंट खुदाई से पड़ोसियों को खतरा, प्राधिकरण ने की कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पाई 1 में दो मकान मालिकों की बेसमेंट खुदाई के कारण पड़ोसियों के मकान में दरारें आ गई हैं, जिससे उन्हें जान का खतरा महसूस हो रहा है। प्रभावित व्यक्ति ने प्राधिकरण से शिकायत की, जिसके बाद कार्रवाई की गई। प्राधिकरण ने कहा है कि वे पीड़ितों को नुकसान नहीं होने देंगे और सर्वेक्षण के बाद उचित कदम उठाएंगे। इस घटना से पहले भी इसी तरह के हादसे हो चुके हैं, जिससे लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
 | 
ग्रेटर नोएडा में बेसमेंट खुदाई से पड़ोसियों को खतरा, प्राधिकरण ने की कार्रवाई

बेसमेंट खुदाई से आई दरारें

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पाई 1 में दो मकान मालिकों द्वारा बेसमेंट की अत्यधिक खुदाई के कारण पड़ोसी के मकान में दरारें आ गई हैं। इससे पड़ोसियों को जान का खतरा महसूस हो रहा है, जिसके चलते वे अपने घर में रहने से डर रहे हैं। प्रभावित व्यक्ति ने इस मामले की शिकायत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से की है। प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक सुनील त्यागी ने नितिन बंसल और जनार्दन प्रसाद के खिलाफ बीटा 2 कोतवाली में मामला दर्ज कराया है।


प्राधिकरण की अनुमति और उसके बाद की स्थिति

सुनील त्यागी ने पुलिस को बताया कि नितिन बंसल और जनार्दन प्रसाद ने बेसमेंट खुदाई के लिए अनुमति मांगी थी, जिसे प्राधिकरण ने मंजूर कर दिया। लेकिन, दोनों ने अनुमति के विपरीत अधिक खुदाई कर दी, जिससे पड़ोसी के मकान में दरारें आ गईं। इस स्थिति के कारण पड़ोसी को जान का खतरा हो गया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।


पिछले हादसे से मिली सीख

तीन दिन पहले ग्रेटर नोएडा के इकोटेक क्षेत्र में भी बेसमेंट खुदाई के दौरान दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की थी। ऐसे हादसों से सबक लेते हुए लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। पिछले साल नवंबर में नोएडा के सेक्टर 63 में भी इसी तरह की घटना में चार लोग मलबे में दब गए थे।


निगरानी की कमी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आवंटियों को बेसमेंट खुदाई की अनुमति तो दी, लेकिन उसके बाद किसी प्रकार की निगरानी नहीं की गई। यदि निगरानी होती, तो आवंटियों द्वारा इतनी अधिक खुदाई नहीं की जाती कि पड़ोसी के मकान में दरारें आ जातीं। प्राधिकरण ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा और स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।


सर्वेक्षण की योजना

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा उन मकानों का सर्वेक्षण किया जाएगा, जिनमें दरारें आई हैं। तकनीकी विशेषज्ञों के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि दरारों के कारण मकान की संरचना कमजोर हुई है या नहीं। यदि ऐसा पाया जाता है, तो जिन दो मकान मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उन्हें पीड़ित को निर्माण लागत के अलावा अन्य हर्जाना भी देना होगा।