ग्रेटर नोएडा में सोसायटी के बेसमेंट में पानी जमा, डेंगू का खतरा बढ़ा

बेसमेंट में पानी भरने की समस्या
ग्रेटर नोएडा समाचार: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की विभिन्न सोसायटियों के बेसमेंट में इन दिनों पानी भरा हुआ है। बारिश के मौसम में, शहर के अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में, सोसायटियों में पानी जमा होने से हजारों परिवारों के लिए डेंगू का खतरा बढ़ गया है। बेसमेंट में उचित ड्रेनेज व्यवस्था न होने के कारण पानी रुक जाता है, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है। सोसायटी के निवासियों ने इस समस्या के समाधान के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से शिकायत की है।
गंदा पानी जमा होने से स्वास्थ्य पर खतरा
अजनारा होम्स सोसायटी के आई से एल और एम टावर के बेसमेंट में गंदा पानी भरा हुआ है, जो मच्छरों और बीमारियों का कारण बन रहा है। ओ और एन टावर के नीचे भी यही स्थिति है। सोसायटी के निवासी दिनकर पांडेय ने बताया कि ऊपर के हिस्से में मार्केट है, जहां फूड स्टॉल की अधिकता है। फूड की दुकानों से निकलने वाला गंदा पानी पार्किंग में डंप किया जा रहा है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
एक जैसी समस्या कई सोसायटियों में
ईकोविलेज 1 सोसायटी के निवासी संजीव ने बताया कि बेसमेंट में जगह-जगह गंदा पानी भरा हुआ है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। पानी जमा होने से गंदगी भी बढ़ रही है और मच्छरों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले की जांच में जमा पानी में लार्वा भी पाया गया था। देविका गोल्ड होम्स सोसायटी के निवासी अनुराग खरे ने बताया कि बेसमेंट के रखरखाव में समस्या बनी हुई है। पार्किंग एरिया में गंदा पानी जमा रहता है, जिसमें मच्छर पनप रहे हैं।
ड्रेनेज सिस्टम की कमी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अधिकांश सोसायटियों में ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है। हाल ही में, जिला भूगर्भ विभाग ने कई सोसायटियों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की, जिसमें कई जगह सिस्टम बंद मिले। अंतिम नोटिस जारी कर 7 दिनों का समय दिया गया है। बारिश के मौसम में बेसमेंट में पानी निकासी की व्यवस्था न होने के कारण गाड़ियाँ भी जलमग्न हो जाती हैं।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जिला मलेरिया अधिकारी श्रुति कीर्ति वर्मा ने बताया कि बारिश के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। विभागीय टीम निरीक्षण कर रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जिन सोसायटियों के बेसमेंट में पानी भरा होगा, उनका निरीक्षण किया जाएगा। नोटिस भेजकर एक सप्ताह में स्थिति सुधारने के निर्देश दिए जाएंगे। यदि लापरवाही पाई गई, तो तुरंत जुर्माना लगाया जाएगा।