Newzfatafatlogo

ग्रेटर नोएडा में हनीट्रैप से व्यापारी के बेटे का अपहरण, 50 लाख में तय हुई फिरौती

ग्रेटर नोएडा में एक व्यापारी के बेटे का अपहरण हनीट्रैप के जरिए किया गया था। आरोपियों ने व्यापारी के बेटे को फंसाने के लिए अपनी दोस्त का सहारा लिया और उसे कन्नौज में 6 दिन तक बंधक रखा। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर उसे सुरक्षित बरामद किया। इस मामले में फिरौती की रकम 4 करोड़ से घटाकर 50 लाख रुपये तय की गई थी। जानें इस मामले की पूरी कहानी।
 | 
ग्रेटर नोएडा में हनीट्रैप से व्यापारी के बेटे का अपहरण, 50 लाख में तय हुई फिरौती

ग्रेटर नोएडा में अपहरण का मामला

Greater Noida News: गाजियाबाद के एक पत्थर व्यापारी के बेटे का अपहरण हनीट्रैप के जरिए किया गया। आरोपियों ने व्यापारी के बेटे को फंसाने के लिए अपनी दोस्त निशा उर्फ प्रीति का सहारा लिया। इसके बाद उसे कन्नौज ले जाकर 6 दिन तक बंधक रखा गया। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया और व्यापारी के बेटे को सुरक्षित बरामद किया।


मुख्य आरोपी की आर्थिक स्थिति

कर्ज में डूबे थे मुख्य आरोपी


पूछताछ में मुख्य आरोपी निमय शर्मा ने बताया कि वह टूर एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय करता है। उसके साथी आलोक यादव पर भी भारी कर्ज था। इसी कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने व्यापारी मनीष गुप्ता के बेटे शशांक गुप्ता का अपहरण करने की योजना बनाई। मनीष गुप्ता गाजियाबाद के नेहरू मार्केट में टाइल्स का व्यापार करते हैं, और निमय ने पहले भी उनसे टाइल्स खरीदे थे। शशांक का स्वभाव उन्हें सीधा-साधा लगा।


हनीट्रैप का इस्तेमाल

निशा उर्फ प्रीति को बनाया हनी ट्रैप का जरिया


अपहरण की योजना में दोनों ने अपनी मित्र निशा उर्फ प्रीति को शामिल किया, जिसे शशांक से दोस्ती करने के लिए कहा गया। 9 सितंबर को प्रीति ने शशांक को मिलने के लिए बुलाया। शशांक अपनी बलेनो कार में आया, जिसमें प्रीति बैठ गई। थोड़ी देर बाद, प्रीति ने गाड़ी रुकवाई और उसके बाद मोहित गुप्ता, अंकित और सुमित गाड़ी में सवार हो गए। प्रीति वहां से उतर गई और बाकी तीनों शशांक को यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते आलोक यादव के पास ले गए।


फिरौती की मांग

फिरौती के लिए रखा गया खाली मकान में


शशांक को छिबरामऊ के शास्त्री नगर में मोहित गुप्ता के मामा के खाली मकान में रखा गया। उसकी निगरानी मोहित, अंकित और श्याम सुंदर कर रहे थे, जबकि आलोक यादव और निमय शर्मा बार-बार वहां आते-जाते रहे। इस दौरान व्यापारी मनीष गुप्ता से 4 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई।


पुलिस की कार्रवाई

50 लाख में हुई डील


डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खां ने बताया कि 14 सितंबर को फिरौती की रकम घटाकर 50 लाख रुपये तय की गई। शशांक को छोड़ने के बदले जेवर क्षेत्र में पैसे लाने को कहा गया। पुलिस पहले से सतर्क थी और तकनीकी संसाधनों की मदद से फिरौती मांगने वाले मोबाइल की लोकेशन रामनेर रजवाहा के पास पाई गई। पुलिस ने मौके पर घेराबंदी कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया और शशांक को सुरक्षित बरामद किया।