ग्रेटर नोएडा वेस्ट में महागुन मंत्रा सोसायटी के निवासियों का मेंटेनेंस शुल्क पर विरोध

महागुन मंत्रा सोसायटी में बैठक का बहिष्कार
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित महागुन मंत्रा सोसायटी के निवासियों ने मेंटेनेंस और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर हुई बैठक का बहिष्कार किया है। निवासियों का कहना है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे 28 जून को महागुन के नोएडा कार्यालय के बाहर धरना देंगे। उनका आरोप है कि उनसे मेंटेनेंस शुल्क अधिक लिया जा रहा है, जबकि सुविधाएं न के बराबर हैं। लोग अब मेंटेनेंस शुल्क में कटौती करने का मन बना चुके हैं।
20% मेंटेनेंस शुल्क में कटौती की मांग
सोसायटी के निवासी जेपी पांडेय ने बताया कि यहां लगभग 560 परिवार निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि सुविधा के नाम पर उन्हें निराश किया जा रहा है। सोसायटी की दीवारों में दरारें आ गई हैं और जगह-जगह पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब निवासियों ने तय किया है कि वे 20% मेंटेनेंस शुल्क में कटौती करेंगे और 28 जून को नोएडा कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे।
मेंटेनेंस शुल्क की उच्च दरें
निवासियों का कहना है कि महागुन मंत्रा में अन्य सोसायटी की तुलना में सबसे अधिक, यानी 3.5 रुपए प्रति स्क्वायर फीट का मेंटेनेंस शुल्क लिया जाता है, लेकिन सुविधाएं बहुत कम हैं। सोसायटी में लगे पेड़-पौधे नष्ट हो रहे हैं और माली की अनुपस्थिति के कारण उनकी देखभाल नहीं हो रही है। इसके अलावा, सोसायटी में काम करने वाली नौकरानी की मनमानी पर मेंटेनेंस टीम कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
एसटीपी का पानी खुले में बहाया जा रहा है
निवासियों का कहना है कि एसटीपी का पानी नालियों और खुले मैदान में बहाया जा रहा है। ग्राउंड फ्लोर पर गेस्ट पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है और ग्रीन बेल्ट को पार्किंग के लिए बेच दिया गया है। सोसायटी के बेसमेंट में कूड़ा पड़ा रहता है, जिससे वहां बदबू आती है। इन समस्याओं का समाधान करना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
हर महीने 20 लाख रुपए का मेंटेनेंस शुल्क
निवासियों का कहना है कि उनसे वसूला जाने वाला मेंटेनेंस शुल्क कहां खर्च हो रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। सोसायटी में हर महीने लगभग 560 परिवारों से 20 लाख रुपए का मेंटेनेंस शुल्क लिया जाता है। इतनी बड़ी राशि वसूलने के बावजूद सोसायटी में सुविधाओं का अभाव है। मेंटेनेंस प्रबंधन निवासियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में असफल साबित हो रहा है।