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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए 252 करोड़ की योजना

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वेस्ट क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए 252.49 करोड़ रुपये की योजना बनाई है। इस योजना के तहत एकीकृत सफाई मॉडल विकसित किया गया है, जिसमें एक ही कंपनी को सभी सफाई कार्यों की जिम्मेदारी दी जाएगी। निवासियों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, यह पहल शहर में सफाई की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास करेगी। सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि एजेंसी का चयन जल्द ही किया जाएगा और सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए 252 करोड़ की योजना

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सफाई व्यवस्था में बदलाव

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वेस्ट क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। निवासियों की शिकायतों के मद्देनजर, जहां कूड़ा प्रबंधन और सड़क सफाई में समस्याएं थीं, वहां एक पेशेवर सफाई एजेंसी जल्द ही नियुक्त की जाएगी। इस योजना पर अगले 5 वर्षों में कुल 252.49 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


एकीकृत सफाई मॉडल की तैयारी


इस योजना के तहत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एकीकृत सफाई मॉडल विकसित किया है, जिसमें एक ही कंपनी को जिम्मेदारी दी जाएगी। यह कंपनी घरों से कूड़ा उठाने, सड़कों की सफाई, पत्तियों और मलबे को हटाने, और कचरे के निस्तारण केंद्र तक पहुंचाने का कार्य करेगी।


अलग-अलग एजेंसियों की समस्या


पहले शहर में विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियां नियुक्त थीं, जिससे समन्वय की कमी देखने को मिलती थी। इस कारण निवासियों को सोशल मीडिया पर समस्याओं को उजागर करना पड़ता था। कई सेक्टरों में सफाई की स्थिति चिंताजनक थी, जहां लोग अपने घरों का कूड़ा खुले में फेंकने को मजबूर थे।


सफाई में सुधार की उम्मीद


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक सन्नी यादव ने बताया कि निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है और कुछ कंपनियों के प्रस्ताव अधिकारियों को पसंद आए हैं। निविदा खुलने के बाद एजेंसी का चयन किया जाएगा, जिससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सफाई में सुधार की उम्मीद है।


सीईओ का बयान


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि एजेंसी का चयन जल्द ही किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी सेक्टर में सफाई की कमी न हो। उनका लक्ष्य केवल कूड़ा उठाना नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।