ग्वालियर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर बढ़ा विवाद

ग्वालियर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा की मांग
ग्वालियर में स्थिति: ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग ने तूल पकड़ लिया है। हाल ही में इस विषय पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी दी। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो देशभर के वकील सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
धारा 163 का लागू होना
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, ग्वालियर के जिला कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जिले में धारा 163 लागू कर दी है। इस धारा के अंतर्गत अब बिना अनुमति के कोई भी धरना, प्रदर्शन, रैली, जुलूस या सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकेगा।
सोशल मीडिया पर निगरानी
कलेक्टर के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ, झूठी या समाज को बांटने वाली सामग्री डालना या फॉरवर्ड करना सख्त रूप से प्रतिबंधित रहेगा। यदि कोई ऐसा करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निर्णय का कारण
कलेक्टर ने बताया कि आने वाले समय में जिले में कई धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित होने वाले हैं। इन आयोजनों में भीड़ जुटने की संभावना है, जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसलिए शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ये कठोर कदम उठाए गए हैं।
बीजेपी नेता का बयान
बीजेपी के एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल एक जाति के नहीं, बल्कि पूरे भारत के हैं। उन्होंने संविधान लिखा है, जो सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है। आर्य ने कहा, 'ग्वालियर हमेशा से शांति का शहर रहा है, और हमें इसे शांत बनाए रखना चाहिए।'