चंडीगढ़ के ओल्ड एयरपोर्ट पर बनेगा सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान

चंडीगढ़ में नया सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र
चंडीगढ़ समाचार, (चंडीगढ़) : चंडीगढ़ के ओल्ड एयरपोर्ट पर अब घरेलू हवाई अड्डा नहीं बनेगा, बल्कि यहां उत्तर भारत के लिए दो प्रमुख सुरक्षा और सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए जाएंगे। चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ अजय वर्मा ने जानकारी दी कि 12 विंग के निकट स्थित इस एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) एक एयरपोर्ट सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना कर रही है। इसके साथ ही, डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) यहां विमानन सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह कदम उत्तर भारत के एयरपोर्ट कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन लैब का निर्माण
ओल्ड एयरपोर्ट के एक हिस्से में एक टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन लैब का निर्माण किया जा रहा है, जहां सुरक्षा उपकरणों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इस लैब में उपकरणों का परीक्षण करने के बाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, खतरनाक सामानों के नियमन से संबंधित प्रशिक्षण के तहत कर्मचारियों को यह सिखाया जाएगा कि स्कैनर्स के माध्यम से सामान और कार्गो की आधुनिक तरीके से जांच कैसे की जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अवैध या खतरनाक सामान उड़ान में न जा सके।
उत्तर भारत के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण
इस संस्थान में चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना (निर्माणाधीन), शिमला, कुल्लू, धर्मशाला, देहरादून, जम्मू, श्रीनगर, लेह, हिसार और अंबाला (निर्माणाधीन) जैसे एयरपोर्ट्स के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक बैच में 100 लोग प्रशिक्षण लेंगे। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (बीसीएएस) के मानकों के अनुसार, सभी सुरक्षा कर्मियों को, चाहे वे किसी भी एयरलाइन या सीआईएसएफ से हों, आधुनिक प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। आपात स्थितियों में सुरक्षा व्यवस्था संभालने की ट्रेनिंग भी यहां दी जाएगी।
पहले क्यों थी दिक्कत?
वर्तमान में, इस प्रकार की ट्रेनिंग के लिए कर्मचारियों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या चेन्नई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता है। कई बार प्रशिक्षण स्लॉट न मिलने के कारण कर्मचारियों को इंतजार करना पड़ता है। नए संस्थान के निर्माण से उत्तर भारत के कर्मचारियों को यहीं प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
चंडीगढ़ समाचार: ओल्ड एयरपोर्ट का इतिहास
2013-14 में ओल्ड एयरपोर्ट के उन्नयन के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन 2015 में मोहाली में शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के बाद इसे बंद कर दिया गया और यहां विभिन्न कार्यालय स्थापित कर दिए गए। अब इस स्थान को सुरक्षा और सुरक्षा प्रशिक्षण का एक प्रमुख केंद्र बनाकर इसका नया उपयोग किया जाएगा।