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चंडीगढ़ में एसिड अटैक पीड़ितों के लिए साहस योजना: हर महीने 10,000 रुपये की सहायता

चंडीगढ़ प्रशासन ने एसिड अटैक पीड़ितों के लिए 'साहस' योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत दिव्यांग पीड़ितों को हर महीने 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। यह योजना चंडीगढ़ के निवासियों के लिए लागू होगी और आवेदन प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी गई है। जानें इस योजना के तहत कैसे मिलेगा लाभ और क्या हैं आवेदन की शर्तें।
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चंडीगढ़ में एसिड अटैक पीड़ितों के लिए साहस योजना: हर महीने 10,000 रुपये की सहायता

चंडीगढ़ में साहस योजना: एसिड अटैक पीड़ितों के लिए वित्तीय सहायता

चंडीगढ़ प्रशासन ने एसिड अटैक पीड़ितों के पुनर्वास के लिए साहस योजना की शुरुआत की है: इस योजना का उद्देश्य एसिड हमले के शिकार लोगों को प्रभावी सहायता प्रदान करना है।


इस योजना के अंतर्गत, एसिड हमले में दिव्यांग हुए व्यक्तियों को हर महीने 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। चंडीगढ़ प्रशासन की महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव अनुराधा एस चगती ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक शपथपत्र प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे अनुमोदन के लिए संबंधित प्राधिकरण को भेजा गया है।


साहस योजना: हर महीने 10,000 रुपये की सहायता


इसके अलावा, वित्त विभाग से सहमति प्राप्त हो चुकी है और राज्य बजट में इसके लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि होम डिपार्टमेंट की पूर्व अधिसूचित योजना के तहत पहले से चिकित्सा सहायता और अंतरिम राहत प्रदान की जा रही है, और 'साहस' योजना एक अतिरिक्त पहल है।


यह योजना केवल चंडीगढ़ के निवासियों के लिए लागू होगी। पात्र पीड़ितों को आधार आधारित डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से 10,000 रुपये प्रतिमाह उनके बैंक खाते में सीधे भेजे जाएंगे। आवेदन के लिए एसिड हमले के कारण हुई दिव्यांगता का प्रमाण देने वाला डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट या यूनिक डिसएबिलिटी आईडेंटिटी कार्ड आवश्यक होगा।


इसके साथ ही, एफआईआर की प्रति, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण और वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र भी आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं। यदि कोई पीड़ित गंभीर रूप से अक्षम हो, तो उसका परिवार का सदस्य या कानूनी उत्तराधिकारी भी आवेदन कर सकता है।


आवेदन प्रक्रिया


प्रशासन ने बताया कि सभी आवेदन एक महीने के भीतर संसाधित किए जाएंगे और भुगतान अगले महीने की पहली तारीख से शुरू किया जाएगा। यदि किसी आवेदन को अस्वीकृत किया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति सामाजिक कल्याण विभाग के सचिव के समक्ष अपील कर सकता है।


यह मामला


चंडीगढ़ प्रशासन का यह शपथपत्र वकील एचसी अरोड़ा द्वारा दायर अवमानना याचिका के जवाब में प्रस्तुत किया गया, जिसमें लंबे समय से लंबित पीड़ित सहायता निर्देशों के कार्यान्वयन की मांग की गई थी। कहा गया था कि इस संबंध में कोई योजना नहीं बनाई जा रही है, जिसके कारण अवमानना की कार्रवाई की जाए।