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चंडीगढ़ में दुर्गा पूजा महोत्सव की भव्य तैयारियां

चंडीगढ़ के कालीबाड़ी मंदिर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर दुर्गा पूजा महोत्सव की भव्य तैयारियां चल रही हैं। इस बार पंडाल को पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ की तर्ज पर सजाया जा रहा है। महोत्सव 28 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है। जानें इस बार के आयोजन की विशेषताएं और कार्यक्रम की जानकारी।
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चंडीगढ़ में दुर्गा पूजा महोत्सव की भव्य तैयारियां

चंडीगढ़ में दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारी

चंडीगढ़ इवेंट्स, चंडीगढ़: चंडीगढ़ के कालीबाड़ी मंदिर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बार पंडाल को पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध बेलूर मठ की शैली में सजाया जा रहा है। इसके लिए कारीगर पश्चिम बंगाल से चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं और पंडाल का निर्माण तेजी से जारी है। यह महोत्सव 28 सितंबर से 1 अक्टूबर तक आयोजित होगा, जिसमें ट्राईसिटी और दूर-दराज के लोग शामिल होंगे।


कारीगरों की मेहनत

पंडाल को विशेष बनाने के लिए लगभग एक दर्जन कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं। कालीबाड़ी मंदिर के कार्यकारी सदस्य गौतम कुमार रॉय ने बताया कि इस बार 8 फीट ऊंची मां दुर्गा की मूर्ति मंदिर परिसर में स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, मंदिर में स्थित श्री रामकृष्ण मेडिटेशन हॉल भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह साउंडप्रूफ हॉल विशेष रूप से तैयार किया गया है। पंडाल में मां दुर्गा के साथ मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, श्री गणेश और भगवान कार्तिक की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी।


चार दिवसीय भव्य आयोजन

दुर्गा पूजा महोत्सव 28 सितंबर से प्रारंभ होगा। पहले दिन, यानी षष्ठी पर सुबह 8:30 बजे पूजा का आरंभ होगा, इसके बाद 8:45 बजे चंडीपाठ और 10:00 बजे पुष्पांजलि होगी। दोपहर 1:30 बजे महाभोग के बाद भंडारा होगा और शाम 7:30 बजे संध्या आरती होगी। 29 सितंबर को महा सप्तमी पर सुबह 8:30 बजे पूजा के साथ कार्यक्रम शुरू होंगे और शाम 7 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 30 सितंबर को महा अष्टमी पर सुबह 7:30 बजे पूजा, 7:45 बजे चंडीपाठ और दोपहर 1:21 से 2:09 बजे तक संधी पूजा होगी। 1 अक्टूबर को महा नवमी पर सुबह 8:30 बजे पूजा, चंडीपाठ और 10:30 बजे प्रसाद वितरण होगा।


55 लाख रुपये का भव्य खर्च

कालीबाड़ी मंदिर प्रबंधन इस महोत्सव पर लगभग 55 लाख रुपये खर्च कर रहा है। इसमें से 8 लाख रुपये केवल पंडाल के निर्माण पर खर्च होंगे। यह भव्य आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी लोगों को एकजुट करेगा। मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी भक्तों की भारी भीड़ जुटने की संभावना है।