चंडीगढ़ में रिश्वतखोरी का मामला: आईआरएस अधिकारी और बिचौलिए की गिरफ्तारी
चंडीगढ़ रिश्वत मामले में आईआरएस अधिकारी की गिरफ्तारी
चंडीगढ़ में 25 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए आईआरएस अधिकारी डॉ. अमित कुमार सिंघल और बिचौलिए हर्ष कोटक को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने सिंघल के मोहाली स्थित घर पर छापेमारी की, जहां से 3.5 किलो सोना, 2 किलो चांदी की ज्वेलरी और 1 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई। इसके अलावा, विदेश में खरीदी गई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं।
सीबीआई की कार्रवाई और गिरफ्तारी
सीबीआई ने दोनों आरोपियों को रविवार शाम को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। डॉ. सिंघल की पत्नी भी आईआरएस अधिकारी हैं, और उनकी मां एक निजी स्कूल में शिक्षिका थीं। इतनी संपत्ति और नकदी का स्रोत जानने के लिए ईडी भी जांच कर सकती है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता सनम कपूर ने सीबीआई को बताया कि 2019 में उनकी डॉ. सिंघल से मुलाकात हुई थी, जब वह मुंबई में सीमा शुल्क विभाग में संयुक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत थे। दोनों के बीच एक व्यापारिक समझौता हुआ था, जिसमें डॉ. सिंघल ने अपनी मां को हिस्सेदार बनाया।
छापेमारी के दौरान मिली संपत्ति
सीबीआई ने डॉ. सिंघल के घर से 3.5 किलो सोना, 2 किलो चांदी और 1 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की। इसके अलावा, विभिन्न बैंकों के लॉकर और खातों से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं।
बिजनेस विवाद और रिश्वत की मांग
शिकायतकर्ता ने बताया कि समझौता खत्म होने के बाद डॉ. सिंघल और हर्ष कोटक ने उनके खिलाफ दुश्मनी रखनी शुरू कर दी। डॉ. सिंघल ने पद का दुरुपयोग करते हुए एक नोटिस जारी किया। जब शिकायतकर्ता ने विभाग में जवाब देने की कोशिश की, तो उन्हें भारी जुर्माना भरने की धमकी दी गई।
रिश्वत का लेन-देन
सीबीआई ने शिकायतकर्ता और डॉ. सिंघल के बीच फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग के आधार पर मामला दर्ज किया। शनिवार को डॉ. सिंघल ने शिकायतकर्ता को 25 लाख रुपये की रिश्वत देने के लिए बुलाया, और जैसे ही पैसे का लेन-देन हुआ, सीबीआई ने दोनों आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
