चंडीगढ़ में संपत्ति कर वसूली में तेजी, डिफॉल्टर्स पर होगी कार्रवाई

चंडीगढ़ संपत्ति कर: 61 करोड़ की वसूली
चंडीगढ़ नगर निगम ने संपत्ति कर के तहत 61 करोड़ रुपये की वसूली की है, जो कि 1 अप्रैल से 31 मई तक की सेल्फ असेसमेंट योजना के दौरान हुई। पिछले वर्ष में केवल 59 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। 2024-25 में इस योजना के तहत 39 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। इस योजना के अंतर्गत, निगम आवासीय संपत्तियों पर 20% छूट और वाणिज्यिक एवं शैक्षणिक संपत्तियों पर 10% छूट प्रदान करता है।
डिफॉल्टर्स के खिलाफ सख्त कदम
इस राशि का उपयोग नगर निगम द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए किया जाएगा, और कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में भी मदद मिलेगी। निगम अब करोड़ों रुपये के संपत्ति कर डिफॉल्टर्स से वसूली के लिए कठोर कदम उठाने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, कर से संबंधित अदालतों में चल रहे मामलों की पैरवी भी की जाएगी।
पीयू-पीजीआई पर बकाया 92 करोड़
नगर निगम को पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू), पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) और पीजीआई से लगभग 92 करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें पीयू पर 68.40 करोड़, पीजीआई पर 20 करोड़ और पेक पर 4.20 करोड़ रुपये शामिल हैं। निगम ने इन संस्थानों को कई बार नोटिस भेजे हैं, लेकिन बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
निगम अब इन तीनों संस्थानों के निदेशकों के साथ बैठक करेगा। यदि बैठक में सहमति नहीं बनती है, तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा, अन्य वाणिज्यिक डिफॉल्टर्स के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। नोटिस के बावजूद बकाया न चुकाने पर संपत्तियों को सील करने के नोटिस जारी किए जाएंगे, ताकि निगम विकास कार्यों के लिए आवश्यक धन जुटा सके।