Newzfatafatlogo

चंडीगढ़ में सीपीडीएल ने घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों के लिए नई विद्युत लोड घोषणा योजना शुरू की

चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों के लिए एक नई स्वैच्छिक घोषणा योजना शुरू की है। यह योजना उपभोक्ताओं को अपने वास्तविक बिजली लोड की जानकारी देने का अवसर प्रदान करती है, जिससे बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को कम किया जा सके। योजना 1 जुलाई से 31 जुलाई तक लागू रहेगी। जानें इस योजना के लाभ और प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी।
 | 
चंडीगढ़ में सीपीडीएल ने घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों के लिए नई विद्युत लोड घोषणा योजना शुरू की

नई योजना का उद्देश्य



  • यह योजना 1 जुलाई से 31 जुलाई तक एक महीने के लिए वैध होगी


(चंडीगढ़ समाचार) चंडीगढ़। चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (सीपीडीएल) ने घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों के लिए एक नई स्वैच्छिक घोषणा योजना (वीडीएस) की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं से उनके वास्तविक बिजली लोड की जानकारी प्राप्त करना है, ताकि बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को कम किया जा सके।


उपभोक्ताओं के लिए लाभ

सीपीडीएल के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कई कनेक्शनों का बिजली लोड बढ़ गया है, लेकिन उपभोक्ताओं ने अपने स्वीकृत लोड को बढ़ाने के लिए आवेदन नहीं किया है। अब उपभोक्ता एक सरल प्रक्रिया के माध्यम से अपने लोड की जानकारी साझा कर सकते हैं, जिससे बिजली वितरण प्रणाली को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा।


सीपीडीएल के निदेशक अरुण कुमार वर्मा ने कहा, "उपभोक्ता अपने वास्तविक बिजली लोड की घोषणा करके हमारे वितरण बुनियादी ढांचे को अनुकूलित करने में मदद कर सकते हैं।" उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया उपभोक्ता के लिए आसान बनाई गई है। उपभोक्ता सीपीडीएल की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं और पावती अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं।


योजना की समयसीमा

यह योजना 1 जुलाई से 31 जुलाई, 2025 तक लागू रहेगी। योजना के समाप्त होने के बाद, सीपीडीएल उन प्रतिष्ठानों की पहचान के लिए एक सर्वेक्षण करेगा, जहां वास्तविक बिजली लोड स्वीकृत सीमा से अधिक है। अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण के परिणामों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।


बिजली आपूर्ति में सुधार

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिजली वितरण व्यवस्था को अनुकूलित करना है, जिससे ब्रेकडाउन और फॉल्ट की घटनाओं में कमी आएगी। इससे उपभोक्ताओं को अधिक निर्बाध और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति मिलेगी।