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चंडीगढ़ रॉक गार्डन की दुर्दशा: एक ऐतिहासिक धरोहर का संकट

चंडीगढ़ रॉक गार्डन, जो विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करता है, आज उपेक्षा का शिकार हो रहा है। आरके गर्ग और नेक चंद की पोती प्रियंका सैनी ने प्रशासन से इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा की अपील की है। रॉक गार्डन की दीवारें तोड़ी जा रही हैं और अनमोल कलाकृतियाँ मिट्टी में मिल रही हैं। क्या हम नेक चंद के इस अनमोल उपहार को खो देंगे? जानें इस दर्दनाक स्थिति के बारे में और कैसे यह चंडीगढ़वासियों के दिल को छू रही है।
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चंडीगढ़ रॉक गार्डन की दुर्दशा: एक ऐतिहासिक धरोहर का संकट

चंडीगढ़ रॉक गार्डन: एक अनमोल धरोहर की अनदेखी

आरके गर्ग ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया को लिखा पत्र: चंडीगढ़ रॉक गार्डन, जो विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करता है, आज उपेक्षा का शिकार हो रहा है। पद्मश्री नेक चंद द्वारा निर्मित इस अद्भुत धरोहर की दीवारें तोड़ी जा रही हैं, और अनमोल कलाकृतियाँ मिट्टी में मिल रही हैं। समाजसेवी आरके गर्ग और नेक चंद की पोती प्रियंका सैनी ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रशासन और प्रधानमंत्री को अपनी आवाज पहुंचाई है। ताजमहल के बाद भारत का दूसरा सबसे अधिक देखा जाने वाला पर्यटन स्थल अब संकट में है। आखिर इस ऐतिहासिक स्थल की अनदेखी क्यों हो रही है? आइए, इस दुखद सच को करीब से समझते हैं, जो हर चंडीगढ़वासी के दिल को छू लेगा!


रॉक गार्डन की स्थिति

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि नेक चंद की मेहनत का प्रतीक है। आरके गर्ग ने चंडीगढ़ के प्रशासक को पत्र लिखकर बताया कि रॉक गार्डन के बेशकीमती सामान को बेतरतीबी से फेंका जा रहा है। कई कलाकृतियाँ क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। गर्ग ने हाल ही में रॉक गार्डन का दौरा किया और देखा कि नई दीवारें बन रही हैं, लेकिन पुरानी धरोहर की कोई देखभाल नहीं हो रही। उन्होंने कहा, “यह सामान मिट्टी में मिल रहा है। यह चंडीगढ़ की शान है, इसे बचाने के लिए जिम्मेदार लोगों की आवश्यकता है!” गर्ग की यह पुकार उन सभी की आवाज है, जो इस धरोहर से प्रेम करते हैं।


प्रियंका सैनी का पत्र

प्रियंका सैनी ने पीएम को लिखा पत्र

नेक चंद की पोती प्रियंका सैनी, जो न्यूयॉर्क में निवास करती हैं, ने भी रॉक गार्डन की बर्बादी पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस ऐतिहासिक स्थल को बचाने की अपील की। प्रियंका ने बताया कि प्रशासन ने रात के अंधेरे में रॉक गार्डन की दीवारें तोड़ दीं और कई दशकों पुराने पेड़ काट दिए। उन्होंने लिखा, “यह केवल मेरे दादाजी की धरोहर नहीं, बल्कि भारत की शान है।” प्रियंका ने यह भी उल्लेख किया कि 2016 में पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति जिस दरवाजे से रॉक गार्डन में आए थे, उसे भी ‘अपग्रेड’ के नाम पर तोड़ दिया गया। उनकी यह चिट्ठी रॉक गार्डन के प्रति दुनिया भर के प्रशंसकों की चिंता को दर्शाती है।


पर्यटकों की बढ़ती चिंता

रॉक गार्डन, जो ताजमहल के बाद भारत का दूसरा सबसे अधिक देखा जाने वाला पर्यटन स्थल है, हर साल लगभग 15 लाख पर्यटकों को आकर्षित करता है, जिससे करोड़ों रुपये की आय होती है। यह गार्डन न केवल चंडीगढ़, बल्कि पूरे भारत के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। लेकिन इसकी वर्तमान स्थिति पर्यटकों के लिए निराशा का कारण बन रही है। प्रियंका सैनी ने पीएम से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि यह धरोहर सुरक्षित रहे। यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो क्या हम नेक चंद के इस अनमोल उपहार को खो देंगे? यह सवाल हर चंडीगढ़वासी के मन में है।


अपग्रेड के नाम पर विनाश

रॉक गार्डन की दीवारों को तोड़कर सड़क बनाने का कार्य चल रहा है, लेकिन इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है नेक चंद की बनाई कलाकृतियों को। समाजसेवी गर्ग ने बताया कि नई दीवारें बन रही हैं, लेकिन पुरानी धरोहर की कोई देखभाल नहीं हो रही। नेक चंद ने 57 वर्षों तक इस गार्डन को अपने खून-पसीने से सींचा। उनकी बनाई हर मूर्ति, हर दीवार एक कहानी कहती है। लेकिन आज यह धरोहर उपेक्षा का शिकार है। प्रशासन का कहना है कि यह सब ‘अपग्रेड’ के लिए है, लेकिन सवाल यह है कि क्या अपग्रेड के नाम पर इतिहास को मिटाना उचित है? यह गार्डन चंडीगढ़ की पहचान है, जिसे बचाना हर नागरिक का कर्तव्य है।