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चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में मचाई तबाही, 50,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई है, जिससे 50,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। तूफान की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे समुद्र में ऊंची लहरें उठीं। रेलवे और हवाई सेवाएं प्रभावित हुई हैं, और मौसम विभाग ने कई राज्यों में बारिश की चेतावनी दी है। जानें इस तूफान के प्रभाव और रेलवे की तैयारियों के बारे में।
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चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में मचाई तबाही, 50,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

चक्रवात मोंथा का प्रभाव

नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न चक्रवात मोंथा अब तूफान में परिवर्तित हो चुका है। मंगलवार की सुबह यह तूफान में बदल गया और शाम को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराया। इस दौरान इसकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे समुद्र में पांच मीटर ऊंची लहरें उठीं। मछलीपट्टनम के बाद, यह तूफान काकीनाडा और विशाखापत्तनम की दिशा में बढ़ा, जहां इसकी गति 15 किलोमीटर प्रति घंटे रही।


राज्यों में तूफान का असर

इस चक्रवाती तूफान का प्रभाव आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के विभिन्न जिलों में देखा गया। इन राज्यों में सुबह से ही तेज हवाएं चल रही हैं, जिसके कारण कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए हैं और समुद्र तटों पर लहरें ऊंची उठ रही हैं। चारों राज्यों के तटीय क्षेत्रों से 50,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तूफान के खतरे को देखते हुए, सोमवार और मंगलवार को दक्षिण मध्य रेलवे जोन की 120 ट्रेनें रद्द कर दी गईं।


हवाई सेवाओं पर भी असर

ट्रेन सेवाओं के अलावा, विमान सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। विशाखापट्टनम हवाईअड्डे से सभी 32 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा, विजयवाड़ा हवाईअड्डे से 16 और तिरुपति हवाईअड्डे से चार उड़ानें भी रद्द की गई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, तूफान के प्रभाव से केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना है। इस बीच, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को चक्रवात मोंथा के संबंध में रेलवे की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में ट्रेन सेवाएं समय पर रोकी जाएं, सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जाए और आवश्यकता पड़ने पर यात्रियों को वैकल्पिक सुविधाएं प्रदान की जाएं।