चिनाब पुल का उद्घाटन: 22 साल की मेहनत का फल

चिनाब पुल का उद्घाटन
चिनाब पुल: 22 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद, भारत ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों और घाटियों के बीच स्थित चिनाब रेलवे पुल अब पूरी तरह से तैयार है। आज प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया है। कल से यहां पहली ट्रेन भी चलने लगेगी। यह पुल न केवल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह कश्मीर को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी बन गया है।
पुल का निर्माण: एक लंबा सफर
इस पुल के निर्माण में 22 साल लगे हैं और इसकी लागत 1500 करोड़ रुपये आई है। इसे एफिल टॉवर से भी बड़ा माना जाता है। उच्च गुणवत्ता वाले स्टील और आधुनिक मशीनों का उपयोग करते हुए, यह पुल न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि भारतीय सेना के लिए भी लाभकारी होगा। आइए जानते हैं कि इन 22 वर्षों में पुल के निर्माण के दौरान क्या-क्या घटनाएं हुईं।
22 साल पहले का इतिहास
करगिल युद्ध के बाद, 2003 में इस पुल के निर्माण की मंजूरी मिली थी। हालांकि, इसका इतिहास इससे भी पुराना है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अंग्रेजों ने 1892 में श्रीनगर और जम्मू के बीच रेल लाइन के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया था। कश्मीर के राजा ने भी इसकी नींव रखी थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद 1925 में यह प्रोजेक्ट बंद हो गया था।
22 वर्षों में क्या हुआ?
2003: दिसंबर में अटल बिहारी वाजपेयी ने इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय प्रोजेक्ट घोषित किया। इसके बाद पुल के निर्माण की मंजूरी दी गई। रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र सरकार ने इसके निर्माण का खर्च उठाया। पुल को 2009 में तैयार होना था, लेकिन कुछ कारणों से ऐसा नहीं हो पाया।
2004: मंजूरी मिलने के बाद, 2004 में पुल के निर्माण का कार्य शुरू हुआ। उस समय सुरक्षा से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस वर्ष पुल निर्माण की लोकेशन, चिनाब नदी की गहराई और इलाके के सर्वे और डिजाइनिंग का काम फाइनल किया गया।
2008-2009: 2008 में निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। उच्च वेग वाली हवाओं के कारण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।
2010: 2010 से पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नई डिजाइन योजना बनाई गई। 2012 में नए डिजाइन को मंजूरी मिली।
2012: इस वर्ष पुल के निर्माण में तकनीकी और संरचनात्मक बदलाव किए गए। सुरक्षा के लिए नए डिजाइन में स्टील की गुणवत्ता और खंभों का स्ट्रक्चर बदला गया।
2017: नवंबर में पुल के आधार और स्लोप निर्माण का कार्य पूरा हुआ। इस वर्ष रेलवे और भारतीय सेना की विशेषज्ञों की टीम ने सुरक्षा ऑडिट भी किए।
2021: अप्रैल में पुल के मुख्य आर्च का निर्माण कार्य पूरा हुआ। यह आर्च नदी के 360 मीटर ऊपर स्थित है, जिससे यह दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बन गया।
2022: अक्टूबर में गोल्डन जॉइंट के साथ पुल की ओवरआर्च डेक का निर्माण पूरा हुआ।
2024: जून में परीक्षण के लिए पहली बार ट्रेन चलाई गई। यह परीक्षण सफल रहा।
2025 में उद्घाटन
6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक चिनाब पुल का उद्घाटन किया। दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर कल से ट्रेनें चलेंगी। पीएम मोदी ने कटरा से श्रीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई है।