चीन के विदेश मंत्री वांग यी का भारत दौरा: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम

चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा
चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत के दौरे पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने नई दिल्ली एयरपोर्ट पर शाम लगभग 4:15 बजे लैंड किया। यह उनका तीन दिवसीय दौरा है, और उन्होंने तुरंत भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चीन का दौरा करेंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जो इस दौरे को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की प्रतिबद्धता
बैठक के दौरान, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि तियानजिन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन से पहले वांग की भारत यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस दौरे के सकारात्मक परिणामों की कामना की। आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ लड़ाई दोनों देशों के लिए प्राथमिकता है। भारत और चीन मिलकर मजबूत और स्थिर द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में आगे बढ़ेंगे, जो दोनों देशों के हितों के लिए आवश्यक हैं। सीमा विवाद का समाधान भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।
दौरे का महत्व
जयशंकर ने बताया कि यह यात्रा अक्टूबर 2024 में कजान में हुई भारत-चीन विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद से किसी चीनी मंत्री की पहली यात्रा है। यह यात्रा भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का एक अवसर प्रदान करेगी। 2020 में गलवान घाटी में सैन्य संघर्ष के बाद से दोनों देशों के संबंधों में कठिनाई आई थी, लेकिन अब दोनों देश आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। इसके लिए पारस्परिक सम्मान, संवेदनशीलता और संवाद की आवश्यकता है। सीमा संबंधी मतभेदों को विवाद या संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए।