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चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में सुधार के लिए शुरू की नई e-sign सुविधा

चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में सुधार के लिए एक नई e-sign सुविधा शुरू की है, जो आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP वेरिफिकेशन की आवश्यकता को अनिवार्य बनाती है। यह कदम कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर फर्जी वोटर डिलीशन के मामले के बाद उठाया गया है। अब, आवेदकों को अपने आधार नंबर के साथ OTP डालकर ही फॉर्म जमा करना होगा। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन आवेदन के आधार पर किसी भी वोटर का नाम सीधे नहीं हटाया जाएगा, और फिजिकल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पहले की तरह जारी रहेगी।
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चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में सुधार के लिए शुरू की नई e-sign सुविधा

नई सुरक्षा प्रणाली का कार्यान्वयन

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब, वोटर लिस्ट में नए नाम जोड़ने, नाम हटाने या किसी भी प्रकार के सुधार के लिए आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP से वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। यह नई सुरक्षा प्रणाली आयोग के ECINet पोर्टल और ऐप पर 'e-sign' फीचर के माध्यम से लागू की गई है। यह निर्णय हाल ही में कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर हजारों वोटरों के नाम अवैध तरीके से हटाने के प्रयास के बाद लिया गया है।


कांग्रेस नेता का आरोप और जांच

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर फर्जी वोटर डिलीशन आवेदन का मामला उठाया था। जांच में यह सामने आया कि नाम हटाने के लिए भेजी गई 6,018 रिक्वेस्ट में से केवल 24 ही सही थीं, जबकि बाकी सभी गलत पाई गईं। कई मामलों में OTP वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर असली वोटरों के नहीं थे। इस घटना ने चुनाव आयोग को वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और सख्त बनाने के लिए मजबूर किया।


नई e-sign प्रक्रिया का विवरण

पहले, कोई भी व्यक्ति केवल वोटर ID (EPIC) नंबर के आधार पर अपना मोबाइल नंबर लिंक करके फॉर्म जमा कर सकता था, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना बनी रहती थी। अब, नई 'e-sign' प्रक्रिया के तहत आवेदक को अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा, जिसे डालने और सहमति देने के बाद ही फॉर्म जमा किया जा सकेगा। यह नया नियम फॉर्म 6 (नया रजिस्ट्रेशन), फॉर्म 7 (नाम हटाना/आपत्ति) और फॉर्म 8 (सुधार) पर तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।


फिजिकल वेरिफिकेशन की अनिवार्यता

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन आवेदन के आधार पर किसी भी वोटर का नाम सीधे नहीं हटाया जाएगा। हर आवेदन के बाद संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पहले की तरह अनिवार्य रहेगी। किसी भी कार्रवाई से पहले मतदाता को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाएगा। यह नया फीचर ECINet प्लेटफॉर्म पर जोड़ा गया है, जिसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाना है।