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चेन्नई हवाई अड्डे पर उड़ानों में रद्दीकरण, मध्य पूर्व में तनाव का प्रभाव

मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 11 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। कतर, यूएई और बहरीन के हवाई क्षेत्र बंद होने से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का असर हवाई सेवाओं पर पड़ा है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी एयरलाइंस से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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चेन्नई हवाई अड्डे पर उड़ानों में रद्दीकरण, मध्य पूर्व में तनाव का प्रभाव

मध्य पूर्व में तनाव का असर

चेन्नई: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कतर, यूएई और बहरीन के हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।


ईरान के अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों और अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर हवाई हमलों का सीधा असर हवाई सेवाओं पर पड़ा है। मंगलवार को, चेन्नई हवाई अड्डे पर 11 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें 6 प्रस्थान और 5 आगमन वाली उड़ानें शामिल थीं।


इन रद्द उड़ानों में कुवैत, मस्कट, अबू धाबी (2) और दोहा (2) की उड़ानें शामिल थीं, जो इंडिगो और कतर एयरवेज द्वारा संचालित थीं। इसके अलावा, दोहा, कुवैत और अबू धाबी से आने वाली कतर एयरवेज, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें भी रद्द की गईं।


एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि यदि क्षेत्रीय तनाव जारी रहा, तो भविष्य में और उड़ानें रद्द की जा सकती हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे प्रभावित देशों की यात्रा से पहले अपनी एयरलाइंस से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।


इसके अतिरिक्त, थाईलैंड से दोहा जा रही कतर एयरवेज की तीन उड़ानें कतर के हवाई क्षेत्र में प्रवेश न दिए जाने के कारण मंगलवार तड़के 2 बजे चेन्नई में उतरने को मजबूर हुईं।


लंदन, दुबई, बहरीन, अबू धाबी, शारजाह और सिंगापुर जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानों को हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण देरी का सामना करना पड़ा।


ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी हवाई हमलों के कारण सुरक्षा कारणों से हवाई क्षेत्र बंद किए गए हैं।


तनाव बढ़ने और उड़ान मार्गों के प्रभावित होने के कारण चेन्नई हवाई अड्डा हाई अलर्ट पर है और स्थिति पर नजर रख रहा है। यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए एयरलाइंस और नियामक एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है।