छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में 12 वर्षीय आदिवासी बच्चा घायल

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले की घटना
छत्तीसगढ़ नक्सली हमला: बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के पिडिया गांव में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी के विस्फोट में एक 12 वर्षीय आदिवासी बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना गुरुवार को हुई, जब बच्चा गलती से आईईडी पर पैर रखकर गुजर रहा था।
धमाके के तुरंत बाद, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और बच्चे को प्राथमिक उपचार देने के बाद बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वर्तमान में बच्चा अस्पताल में गहन चिकित्सा देखरेख में है, और डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को गंभीर बताया है।
Bijapur, Chhattisgarh | A tribal boy received serious injuries after being hit by a pressure IED planted by Naxals in the Pidia area of Gangalur police station. The injured boy is under treatment at the district Hospital. Security forces have launched a search operation in the… pic.twitter.com/NzC5DdFaHz
— News Media (@NewsMedia) October 10, 2025
निर्दोष ग्रामीणों का शिकार
यह घटना नक्सलियों की अमानवीय रणनीति को एक बार फिर उजागर करती है, जिसमें वे निर्दोष ग्रामीणों और बच्चों की जान को खतरे में डालते हैं। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि हाल के महीनों में बस्तर क्षेत्र में कई निर्दोष ग्रामीण और बच्चे ऐसे आईईडी के शिकार हो चुके हैं, जो अक्सर पगडंडियों और जंगल के रास्तों पर दबे होते हैं।
सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन
घटना के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। आसपास के क्षेत्रों को सील कर दिया गया है और बम निरोधक दस्ते को तैनात किया गया है, जो अन्य छिपे हुए आईईडी की खोज में जुटा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इलाके को सुरक्षित बनाने के प्रयास जारी हैं।
कमजोर वर्ग पर नक्सलियों का हमला
बीजापुर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि नक्सली आईईडी को आतंक का हथियार बनाकर कमजोर वर्ग को निशाना बना रहे हैं। बस्तर रेंज पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि नक्सली बार-बार मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों की कार्रवाई को और तेज किया जा रहा है। पिछले सप्ताह भी माडेड क्षेत्र में इसी तरह का एक हादसा हुआ था, जिसमें एक महिला नक्सली आईईडी लगाते समय घायल हो गई थी। यह घटना दर्शाती है कि नक्सली अपने ही कार्यकर्ताओं की परवाह नहीं करते और स्थानीय लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।