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छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी से ईसाई समुदाय में चिंता

छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी ने ईसाई समुदाय में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। सिस्टर प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है। इस घटना के बाद, कई सांसदों ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
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छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी से ईसाई समुदाय में चिंता

छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी

छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी: दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी ने देशभर में ईसाई समुदाय में चिंता और भय का माहौल बना दिया है। असिसी सिस्टर्स ऑफ मैरी इमैक्युलेट से जुड़ी सिस्टर प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों नन तीन युवतियों को आगरा के एक कॉन्वेंट में घरेलू काम दिलाने के लिए ले जा रही थीं।


रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना 26 जुलाई को हुई जब पुलिस ने दुर्ग स्टेशन से ननों को एक युवक सुखमन मंडावी के साथ पकड़ा। तीनों युवतियां नारायणपुर जिले की निवासी हैं और उनकी उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच है। उनका कहना है कि उन्हें किचन हेल्पर के रूप में नौकरी के लिए ले जाया जा रहा था, और उनके पास अभिभावकों की लिखित सहमति भी थी।


पुलिस ने मामला दर्ज किया

हालांकि, पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है। इस कार्रवाई के बाद रायपुर डायोसीज को ननों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई और अब तक जमानत अर्जी भी दाखिल नहीं हो पाई है।


जबरन बयान बदलने का आरोप

एक अन्य नन ने बताया कि वे बेहद डरी हुई हैं और बोलने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग दल की नेता ज्योति शर्मा ने पुलिस थाने में एक लड़की के साथ मारपीट की और उससे जबरन बयान बदलवाया। बाकी दो लड़कियों ने पुलिस को बताया कि वे स्वेच्छा से आई थीं।


संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन

ज्योति शर्मा का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वह ननों को धमका रही हैं। बाद में उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं उन पर ही हाथ उठाती हूं जो हिंदू लड़कियों को धर्मांतरण के लिए ले जाते हैं। इस घटनाक्रम के बाद केरल से सांसदों ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और रायपुर जाकर ननों से मिलने की कोशिश की।




महिला सुरक्षा से जुड़ा मामला

इस बीच, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह मामला महिला सुरक्षा से संबंधित है और इसकी न्यायिक जांच चल रही है। वहीं, मालंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के बिशप जीवरघीस मार कूरीलोस ने ईसाई नेताओं की चुप्पी की आलोचना की और कहा कि आरएसएस के एजेंडे को सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय सत्ता के पक्ष में खड़ा होता रहा है, चाहे वो हिटलर हो या वर्तमान सरकार।