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छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी: निर्वाचन आयोग ने जारी की चेतावनी

छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसमें ठग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का सहारा ले रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी अनजान नंबर से OTP या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। आयोग ने स्पष्ट किया है कि BLO कभी भी ऐसी जानकारी नहीं मांगते हैं। इस लेख में ठगी के तरीकों और आयोग की सलाह के बारे में जानकारी दी गई है।
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छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी: निर्वाचन आयोग ने जारी की चेतावनी

साइबर ठगी का नया तरीका


छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अब ठगों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को भी धोखाधड़ी का एक नया साधन बना लिया है। लोगों को फोन करके OTP और व्यक्तिगत जानकारी मांगी जा रही है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण पत्र जारी कर स्थिति की सच्चाई लोगों तक पहुंचाई है।


निर्वाचन आयोग की स्पष्टता

आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान के लिए नियुक्त BLO किसी भी प्रकार का OTP, पासवर्ड या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगते हैं। BLO केवल मतदान से संबंधित आवश्यक जानकारियां ही लेते हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि SIR फॉर्म भरते समय BLO द्वारा मतदाता से केवल वोटर लिस्ट से संबंधित जानकारी मांगी जाती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी, बैंक संबंधी विवरण या मोबाइल पर भेजा गया OTP नहीं मांगा जाता है।


अधिकारियों की चेतावनी

यदि किसी अनजान नंबर से कॉल करके OTP या व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाए, तो यह निश्चित रूप से साइबर ठगी का प्रयास है। अधिकारियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि ऐसी किसी भी कॉल की तुरंत नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं। निर्वाचन आयोग के आधिकारिक पत्र में लिखा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग और छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा SIR प्रक्रिया से जुड़े किसी भी काम के लिए कभी भी मोबाइल OTP नहीं मांगा जाता है।


आयोग की अपील

आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ अपना OTP या अन्य व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। SIR से संबंधित सभी सेवाएं केवल मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के आधिकारिक पोर्टल और अधिकृत माध्यमों से ही उपलब्ध कराई जाती हैं। इस बीच, ठगों की एक और कोशिश सामने आई है। 19 नवंबर को रायपुर दक्षिण के विधायक सुनील सोनी को भी धोखेबाजों ने शिकार बनाने का प्रयास किया।


ठगी का तरीका

ठगों ने खुद को इंटेलिजेंस ब्यूरो का अधिकारी बताकर फोन किया और कहा कि उनका मोबाइल पहलगाम आतंकी हमले में इस्तेमाल हुआ है और उन्हें तुरंत दिल्ली बुलाया जा रहा है। इस संदिग्ध कॉल के बाद विधायक ने फोन काट दिया और थाने में शिकायत दर्ज कराई। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर फर्जीवाड़ा इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि इस समय बड़ी संख्या में लोग वोटर लिस्ट अपडेट कर रहे हैं।