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छत्तीसगढ़ में स्कूल प्रिंसिपल पर बच्ची के साथ मारपीट का आरोप

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल पर नर्सरी की एक बच्ची के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। घटना के बाद बच्ची के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया। बच्ची ने बताया कि उसे थप्पड़ मारा गया और मुंह टेप से बंद रखा गया। इस मामले ने जिले में आक्रोश पैदा कर दिया है और स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने मामले की स्वतंत्र जांच शुरू करने का निर्णय लिया है।
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छत्तीसगढ़ में स्कूल प्रिंसिपल पर बच्ची के साथ मारपीट का आरोप

छत्तीसगढ़ स्कूल में बच्ची के साथ दुर्व्यवहार

छत्तीसगढ़ स्कूल में घटना: दुर्ग जिले के एक निजी विद्यालय की प्रिंसिपल को नर्सरी की एक छात्रा के साथ मारपीट और उसके मुंह को टेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना बुधवार सुबह लगभग 7:30 बजे बगडूमर गांव के मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुई। बच्ची ने प्रिंसिपल को "राधे-राधे" कहकर नमस्ते किया, जिसके बाद प्रिंसिपल का व्यवहार अचानक बदल गया।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आरोपी प्रिंसिपल की पहचान ईला ईवन कॉलवीन के रूप में हुई है। बच्ची के पिता, प्रवीण यादव ने नंदिनी थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया।


बच्ची का बयान

परिवार के सदस्यों के अनुसार, बच्ची ने घर लौटने के बाद पूरी घटना को रोते हुए बताया। उसके शरीर पर चोट के निशान भी मिले, जो शारीरिक हिंसा की पुष्टि करते हैं। बच्ची ने कहा कि प्रिंसिपल ने उसे थप्पड़ मारा और लगभग 15 मिनट तक उसके मुंह को टेप से बंद रखा।


प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष

एएसपी पद्मश्री टंवर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बच्ची को किसी सवाल का जवाब न देने पर दंडित किया गया, लेकिन प्रिंसिपल की कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित और अत्यधिक थी। उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


सख्त कार्रवाई की मांग

घटना की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता थाने पहुंचे और स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव से संबंधित मामला बताया और स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।


स्कूल प्रशासन पर सवाल

इस प्रकरण ने जिले में आक्रोश फैला दिया है। आम जनता और सामाजिक संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शिक्षा विभाग ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और स्वतंत्र जांच शुरू करने की योजना बनाई है। जांच के आधार पर स्कूल और प्रबंधन के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।