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छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना पर कांग्रेस का विरोध, सरकार की नीतियों पर उठे सवाल

छात्रों पर लाठीचार्ज की हालिया घटना ने कांग्रेस को सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने का मौका दिया है। पूर्व विधायक सोमवीर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव के समय युवाओं को बड़े वादे करती है, लेकिन बाद में उन वादों से मुकर जाती है। उन्होंने बेरोजगारी, नशे के बढ़ते प्रचलन और बिजली संकट जैसे मुद्दों पर भी चिंता जताई। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना पर कांग्रेस का विरोध, सरकार की नीतियों पर उठे सवाल

छात्रों के साथ लाठीचार्ज की निंदा


(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। भाजपा सरकार चुनाव के समय युवाओं को बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन बाद में उन वादों से मुकर जाती है। हिसार में छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना बेहद निंदनीय है, और सरकार को इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यह बात पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सोमवीर सिंह ने क्षेत्र के दौरे के दौरान किसानों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रदेश में नशे का बढ़ता प्रचलन है, वहीं अपराध भी अपने चरम पर है, जिससे जनता में भय का माहौल बना हुआ है।


पोर्टल की समस्याएं और बेरोजगारी

सोमवीर ने कहा कि भाजपा सरकार के 11 वर्षों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की बजाय केवल समस्याएं दी जा रही हैं। सरकार पुराने नियमों में बदलाव का ढिंढोरा पीटती है और मनमाने नियम लागू करती है। जब न्यायपालिका उन्हें गलत साबित करती है, तो सरकार नियमित कर्मचारियों को अस्थाई पदों पर रखने के लिए झूठे आंसू बहाती है। चयन प्रक्रिया में जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन ने लाखों आवेदकों को पोर्टल की समस्याओं को दूर किए बिना ही केवल दो दिन बढ़ाने पर चेतावनी दी है।


पोर्टल में खामियों के कारण आवेदकों को माता-पिता की मृत्यु की जानकारी देनी पड़ रही है, और ओटीपी के लिए दिन-रात इंतजार करना आम बात हो गई है।


बिजली संकट और सरकारी लापरवाही

गर्मी के मौसम में भी काकड़ौली, कादमा सहित कई बिजली घर ओवरलोड के कारण अक्सर ठप्प रहते हैं। सांसद, विधायक और मंत्री सरकारी पैसे से संकल्प सिद्धि का ढोंग कर रहे हैं, जो जनता के लिए जले पर नमक के समान है। प्रदेश की भाजपा सरकार सरकारी धन का दुरुपयोग कर केवल उत्सवों में व्यस्त है, और धरातल से जुड़ाव न होने के कारण युवा आवेदन पत्र जमा करने के लिए गर्मी में खड़े रहते हैं। वहीं किसान पेयजल के लिए बिजली घरों का घेराव करने के लिए मजबूर हैं।


आवेदन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता

सोमवीर ने कर्मचारी चयन आयोग से अनुरोध किया कि सीईटी परीक्षा के आवेदन के लिए पहले पोर्टल सिस्टम को दुरुस्त किया जाए और उसके बाद कम से कम एक सप्ताह का समय दिया जाए ताकि बेरोजगार बिना परेशानी आवेदन कर सकें। दादरी जिले में पेयजल संकट, सरकारी कॉलेजों में शैक्षणिक स्टाफ की कमी, कृषि क्षेत्र में डीएपी की अनुपलब्धता और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली और नहरी पानी न मिलना सरकार की विफलता के बड़े उदाहरण हैं।


सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति

इस अवसर पर पूर्व बीईओ करणसिंह श्योराण, पूर्व सरपंच सुरेश धनासरी, संदीप ढाणी, सुरजा, ढिल्लू आर्यनगर आदि भी उपस्थित रहे।