छिंदवाड़ा में आयुर्वेदिक सिरप से मासूम की मौत, जांच शुरू
 
                           
                        दर्दनाक घटना छिंदवाड़ा में
छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक दुखद घटना सामने आई है। यहां एक पांच महीने की बच्ची की मौत का मामला सामने आया है, जो कथित तौर पर आयुर्वेदिक कफ सिरप 'कासामृत' पीने के बाद हुई। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि मेडिकल स्टोर के संचालक ने सिरप के साथ कुछ दवाइयां दी थीं और कहा था कि इससे बच्ची ठीक हो जाएगी। लेकिन कुछ घंटों बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
परिवार की आपबीती
यह मामला बिछुआ के अंबेडकर वार्ड का है। मृतक बच्ची के पिता, संदीप मिनोटे ने बताया कि उनकी बेटी रुही को सर्दी-खांसी थी। पहले वे अस्पताल गए, लेकिन वहां कोई डॉक्टर नहीं मिला। इसके बाद वे पास के कुरेठे मेडिकल स्टोर गए, जहां बिना डॉक्टर की पर्ची के उन्हें 'कासामृत' सिरप और 16 दवाइयां दी गईं। घर लौटने के बाद जब उन्होंने दवा दी, तो बच्ची की हालत और बिगड़ गई।
डॉक्टरों की सलाह
गुरुवार की सुबह जब बच्ची की सांसें तेज चलने लगीं, तो परिवार ने उसे बिछुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का निर्णय लिया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति गंभीर है और उसे तुरंत छिंदवाड़ा भेजने की सलाह दी, लेकिन परिवार ने उसे घर ले जाने का फैसला किया। सुबह करीब 8:30 बजे जब वे फिर से अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत की जांच
बच्ची की मौत के बाद परिवार ने अस्पताल में हंगामा किया और मेडिकल स्टोर पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि सिरप और दवाइयों में कुछ जहरीला पदार्थ मिला था, जिसके कारण उनकी बेटी की मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कफ सिरप 'कासामृत' और सभी 16 दवाइयों के सैंपल जब्त कर लिए गए हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं की सुरक्षा
सीएमएचओ डॉ. नरेश गुन्नाडे ने बताया कि सैंपल आयुष विभाग की स्टेट लैब ग्वालियर भेजे जा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि इन दवाइयों में एलोपैथिक दवाओं का मिश्रण किया गया हो। विशेषज्ञों का कहना है कि आयुर्वेदिक दवाओं से मौत की संभावना बहुत कम होती है। अब जांच रिपोर्ट से ही स्पष्ट होगा कि मौत का कारण सिरप था या किसी मिलावटी दवा का सेवन।
