छिंदवाड़ा में बाढ़ के दौरान किसान की बहादुरी ने बचाई जान

छिंदवाड़ा में बाढ़ का कहर
छिंदवाड़ा में बाढ़ की घटना: छिंदवाड़ा जिले के हर्रई विकासखंड के राजढाना गांव में अचानक आई बाढ़ ने एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी। तेज बारिश के बाद एक नदी का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि एक किसान और उसके बैल बहाव में फंस गए। हालांकि, किसान ने साहसिकता दिखाई और अपनी जान की परवाह किए बिना बैलों को बचाने का प्रयास किया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
किसान की त्वरित प्रतिक्रिया
यह घटना तब हुई जब किसान अपनी बैलगाड़ी के साथ खेतों से लौट रहा था और गांव के पास एक छोटे पुल के पास रुका था। अचानक बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। कुछ ही क्षणों में बैलगाड़ी पानी में खिसकने लगी और बैल तेज बहाव में फंस गए।
किसान ने नदी में कूदकर बचाई जान
किसान ने नदी में लगाई छलांग
बाढ़ के उफान को देखकर किसान ने बिना समय गंवाए नदी में छलांग लगा दी। बहाव बहुत तेज था, लेकिन उसने अपने और बैलों के जीवन को बचाने की हर संभव कोशिश की। रस्सियों और बैलगाड़ी की मदद से उसने दोनों बैलों को एक-एक कर बाहर खींच लिया। कुछ ग्रामीण मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने उसकी सहायता की और बैलों को सुरक्षित निकालने के बाद उसे चारों ओर से घेर लिया ताकि वह फिर से बहाव में न फंसे।
गांववालों की प्रतिक्रिया
गांववालों ने क्या कहा?
ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसान थोड़ी भी देर करता, तो बैल और वह खुद तेज बहाव में बह जाते और एक बड़ा हादसा हो सकता था। यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई है और किसान की बहादुरी की सराहना की जा रही है।
प्रशासन की चेतावनी
इस घटना के बाद प्रशासन ने बारिश के मौसम में नदी, नालों या पानी बहने वाले रपटों के पास जाने से सावधान रहने की अपील की है। इसके अलावा, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि नदी किनारे स्थित रपटों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और जरूरत पड़ने पर अस्थायी पुल या बायपास की व्यवस्था की जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।