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जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: पेंशन और सुविधाओं का क्या होगा?

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया। इस लेख में हम जानेंगे कि उनके इस्तीफे के बाद उन्हें पेंशन और अन्य सुविधाएँ मिलेंगी या नहीं। क्या इस्तीफे के बाद भी उन्हें लाभ मिलेंगे? जानें इस स्थिति में क्या-क्या सुविधाएँ मिलती हैं और किन परिस्थितियों में उन्हें लाभ नहीं मिलते।
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जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: पेंशन और सुविधाओं का क्या होगा?

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, लेकिन केवल तीन साल तक इस पद पर कार्यरत रहे। उनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ और उन्होंने बीच में ही इस्तीफा दे दिया। इस स्थिति में यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या उन्हें पेंशन और सेवानिवृत्ति के लाभ मिलेंगे या नहीं।


पेंशन की जानकारी

मिलती है इतनी पेंशन

यदि भारत का उपराष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देता है और उसने कम से कम दो साल का कार्यकाल पूरा किया है, तो उसे पेंशन और सेवानिवृत्ति संबंधी लाभ प्राप्त होते हैं। उपराष्ट्रपति (पेंशन) अधिनियम, 1997 के अनुसार, उपराष्ट्रपति को आजीवन पेंशन मिलती है। यदि कार्यकाल दो साल से कम है, तो पेंशन आनुपातिक रूप से दी जाती है। भारत के उपराष्ट्रपति को वार्षिक ₹4,50,000 की पेंशन मिलती है, जो प्रति माह ₹37,500 होती है। इसके अलावा, उन्हें कार, कर्मचारी, चिकित्सा सुविधा, घरेलू सहायक और यात्रा भत्ता जैसी सुविधाएँ भी मिलती हैं, जो उनके कार्यकाल की अवधि पर निर्भर करती हैं।


अन्य सुविधाएँ

ये सभी सुविधाएं भी मिलती हैं

  • पूर्व उपराष्ट्रपति को Z या Z+ स्तर की सुरक्षा मिलती है, जो उनके पद के अनुसार होती है।
  • उन्हें सरकारी कार और ड्राइवर की सुविधा भी दी जाती है।
  • इसके अलावा, CGHS या सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की सुविधा भी उपलब्ध होती है।
  • एक निजी सहायक और एक चपरासी भी प्रदान किया जाता है, जो कुछ वर्षों के लिए या आजीवन हो सकता है।


सुविधाओं का अभाव

इन परिस्थितियों में नहीं मिलती सुविधाएँ

यदि उपराष्ट्रपति को दुर्व्यवहार के कारण पद से हटा दिया जाता है, तो उन्हें पेंशन और अन्य सुविधाएँ नहीं मिलतीं। यदि कोई व्यक्ति इस्तीफे के तुरंत बाद किसी अन्य लाभ के पद पर चला जाता है, तो उसकी कुछ सुविधाएँ समाप्त हो सकती हैं। इस दौरान उन्हें सरकारी आवास नहीं दिया जाता। पूर्व उपराष्ट्रपति को सेवानिवृत्ति के बाद स्थायी सरकारी आवास नहीं मिलता, लेकिन कुछ समय के लिए विशेष व्यवस्था की जा सकती है, जो केवल पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों को मिलती है।