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जापान में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.0 दर्ज

जापान में शनिवार रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 मापी गई। भूकंप का केंद्र 50 किलोमीटर की गहराई में था और यह होंशू क्षेत्र के पास आया। जापान एक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, जिसे 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है। इस लेख में भूकंप की तीव्रता, इसके प्रभाव और जापान में भूकंपों की आवृत्ति के बारे में जानकारी दी गई है।
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जापान में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.0 दर्ज

जापान में भूकंप का अनुभव

टोक्यो: शनिवार की रात जापान में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र 50 किलोमीटर की गहराई में था और यह जापान के पूर्वी तट, होंशू क्षेत्र के निकट आया।


भूकंप की जानकारी

भूकंप की तीव्रता: राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने X पर जानकारी साझा की कि भूकंप की तीव्रता 6.0 रही, जबकि इसका उपरिकेंद्र 37.45° उत्तरी अक्षांश और 141.52° पूर्वी देशांतर पर स्थित था। जापान एक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र में है, जिसे 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है, जो प्रशांत महासागर के किनारों पर फैला हुआ है और विश्व के अधिकांश ज्वालामुखीय और भूकंपीय गतिविधियों का केंद्र है।


भूकंपों की आवृत्ति

जापान में अक्सर छोटे और बड़े भूकंप आते रहते हैं। यह देश विश्व के सबसे उन्नत भूकंपीय निगरानी नेटवर्क से लैस है, जो हर हलचल को रिकॉर्ड करता है। फिर भी, समय-समय पर आए विनाशकारी भूकंपों ने यहां भारी तबाही मचाई है, जैसे 2024 का नोटो भूकंप, 2011 का तोहोकू भूकंप और सुनामी, 2004 का चूएत्सु भूकंप और 1995 का ग्रेट हनशिन भूकंप।


शिंडो स्केल का उपयोग

जापान में भूकंपों की तीव्रता को मापने के लिए शिंडो स्केल का उपयोग किया जाता है, जो किसी विशेष स्थान पर महसूस की गई तीव्रता को मापता है। यह पैमाना शून्य से सात तक होता है, जिसमें शिंडो सात को सबसे घातक श्रेणी माना जाता है। शिंडो पांच और छह के लिए 'कमजोर' या 'मजबूत' जैसे उपवर्ग होते हैं, जो झटकों की वास्तविक तीव्रता और उनसे होने वाली क्षति के स्तर को दर्शाते हैं।


भूकंप की तीव्रता के प्रभाव

शिंडो चार और उससे कम की तीव्रता वाले भूकंप हल्के माने जाते हैं, जबकि शिंडो पांच और उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप फर्नीचर, दीवारें, इमारतें, सड़कें और सार्वजनिक सुविधाएं जैसे गैस-पाइप, पानी की लाइनों को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं।