जियो हॉटस्टार ने ICC मीडिया राइट्स छोड़ने का किया प्रस्ताव, 25,000 करोड़ रुपये के घाटे का हवाला
भारत में क्रिकेट का संकट
मुंबई: साल 2026 में भारत में होने वाले पुरुष टी20 विश्व कप से पहले इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को एक गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मीडिया समूह जियो हॉटस्टार ने आईसीसी को सूचित किया है कि वह अपने चार साल के मीडिया राइट्स समझौते के शेष दो वर्षों को जारी रखने में असमर्थ है, जिसका कारण भारी वित्तीय घाटा है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा आर्थिक हालात में इस डील को आगे बढ़ाना उनके लिए संभव नहीं है। इस घटनाक्रम ने वैश्विक क्रिकेट प्रशासन में हलचल मचा दी है, क्योंकि भारत आईसीसी के राजस्व का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा प्रदान करता है।
नए मीडिया राइट्स की बिक्री प्रक्रिया
सूत्रों के अनुसार, जियो हॉटस्टार द्वारा पीछे हटने के संकेत मिलने के बाद, आईसीसी ने 2026-29 चक्र के लिए भारत के मीडिया राइट्स की बिक्री प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है। इसके लिए आईसीसी ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे प्रमुख कंपनियों से संपर्क किया है और लगभग 2.4 बिलियन डॉलर की मांग की है। हालांकि, उच्च कीमत के कारण अभी तक किसी भी प्लेटफॉर्म ने इसमें गंभीर रुचि नहीं दिखाई है। नेटफ्लिक्स भारत में खेल-मनोरंजन के शुरुआती चरण में है, जबकि अमेजन का क्रिकेट से जुड़ाव सीमित है और सोनी पहले से ही सतर्कता बरत रहा है।
वित्तीय बोझ का प्रभाव
जियो हॉटस्टार के इस निर्णय के पीछे का मुख्य कारण भारी वित्तीय बोझ है। आंकड़ों के अनुसार, जियो हॉटस्टार ने 2024-25 में खेल अनुबंधों पर संभावित घाटे के लिए अपने प्रावधान को 25,760 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है, जो पिछले वर्ष 12,319 करोड़ रुपये था। यह वृद्धि दर्शाती है कि लॉन्ग-टर्म स्पोर्ट्स राइट्स से कंपनी को अपेक्षित रिटर्न नहीं मिल रहा है। स्टार इंडिया ने वायाकॉम18 के साथ विलय से पहले ही भारी घाटा दर्ज किया था, जिसका मुख्य कारण आईसीसी के साथ जुड़ी महंगी डील थी।
विज्ञापन की कमी का असर
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजार में विज्ञापनों की कमी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। ड्रीम11 और माई11सर्किल जैसे रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंधों के बाद क्रिकेट प्रसारण से होने वाली कमाई को बड़ा झटका लगा है। गेमिंग सेक्टर के हटने से बाजार में लगभग 7,000 करोड़ रुपये (840 मिलियन डॉलर) का अंतर आ गया है, जिसकी भरपाई पारंपरिक विज्ञापनदाता नहीं कर पा रहे हैं। वर्तमान में, अगर आईसीसी को कोई नया खरीदार नहीं मिलता है, तो कानूनी बाध्यता के चलते जियो हॉटस्टार को 2027 तक यह कॉन्ट्रैक्ट पूरा करना पड़ सकता है। यह घटनाक्रम खेल प्रसारण बाजार में गिरावट और सुधार की ओर इशारा कर रहा है।
