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जी7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप का बड़ा बयान: रूस और चीन को शामिल करने का सुझाव

कनाडा में चल रहे जी7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने रूस और चीन को इस समूह में शामिल करने का सुझाव दिया। ट्रंप का मानना है कि यदि रूस को जी7 से बाहर नहीं किया जाता, तो यूक्रेन पर आक्रमण नहीं होता। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ओबामा और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो को इस युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया। जानें ट्रंप के इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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जी7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप का बड़ा बयान: रूस और चीन को शामिल करने का सुझाव

जी7 शिखर सम्मेलन 2025

जी7 शिखर सम्मेलन 2025: कनाडा में चल रहे जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस समूह का विस्तार होना चाहिए और जी7 को जी8 या जी9 में बदलने का सुझाव दिया। कनाडा के कनानास्किस में इस सम्मेलन में भाग लेते हुए, ट्रंप ने रूस और चीन को नए सदस्यों के रूप में शामिल करने की बात की। इस दौरान, उन्होंने पुतिन को इस समूह से बाहर किए जाने पर सहानुभूति भी व्यक्त की।


रूस के खिलाफ ट्रंप की टिप्पणियाँ

ट्रंप ने कहा कि यदि रूस को जी7 से बाहर नहीं किया जाता, तो यूक्रेन पर आक्रमण नहीं होता और युद्ध की स्थिति उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया।


पुतिन का अपमान

पुतिन का अपमान किया गया- डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप ने कहा, "जी7 पहले जी8 हुआ करता था। ओबामा और ट्रूडो ने रूस को इसमें शामिल नहीं होने दिया। यह एक गलती थी, क्योंकि अगर रूस को शामिल किया जाता, तो युद्ध की स्थिति नहीं होती।" उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन को जी8 से बाहर किए जाने पर अपमानित महसूस हुआ।


रूस का जी7 से बाहर होना

रूस को बाहर किया गया

ज्ञात हो कि 1997 से 2014 तक यह समूह जी8 के नाम से जाना जाता था, जिसमें रूस एक प्रमुख सदस्य था। लेकिन 2014 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, रूस को इस समूह से बाहर कर दिया गया। वर्तमान में, कनाडा, फ्रांस, इटली, जापान, जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन इस समूह के सदस्य हैं।


चीन को शामिल करने का समर्थन

ट्रंप ने चीन को भी इस समूह में शामिल करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई चीन को शामिल करने का सुझाव देता है, तो यह गलत नहीं है, बशर्ते कि वे बातचीत के लिए तैयार हों।