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जींद में एमपीएचडब्ल्यू की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है असर

जींद में एमपीएचडब्ल्यू की हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करने वाले कर्मचारियों के कारण गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है, जिससे उन्हें आरसीएच नंबर नहीं मिल रहा है। इसके अलावा, टीबी मरीजों की पोषण योजना और आशा वर्कर्स का भुगतान भी रुक गया है। एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए, अन्यथा हड़ताल जारी रहेगी। जानें इस मुद्दे के बारे में और अधिक जानकारी।
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जींद में एमपीएचडब्ल्यू की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है असर

हड़ताल जारी, मांगें पूरी होने तक कार्य बहिष्कार


जींद में एमपीएचडब्ल्यू ने 25 अक्टूबर से ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार शुरू कर दिया है। इस हड़ताल के कारण आम जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है, जिससे उन्हें आरसीएच नंबर नहीं मिल रहा है। यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि अवैध गर्भपात के मामलों की निगरानी के लिए आरसीएच नंबर की आवश्यकता होती है, जो कि एमपीएचडब्ल्यू द्वारा अनमोल पोर्टल के ठप होने के कारण प्रभावित हो रहा है।


टीबी मरीजों की पोषण योजना पर असर

एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग के सभी ऑनलाइन एप्स पर काम करना बंद कर दिया है। यूवीन के माध्यम से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। टीकाकरण के दौरान अभिभावकों को मोबाइल पर जानकारी भेजी जाती है, जो अब संभव नहीं हो पा रही है। इसके अलावा, निक्षय पोर्टल के ठप होने से टीबी मरीजों की पोषण योजना का लाभ भी रुक गया है।


आशा वर्कर्स का भुगतान रुका

राज्य में लगभग 20,000 आशा वर्कर्स का भुगतान भी प्रभावित हुआ है। एसोसिएशन के राज्य प्रेस सचिव ने बताया कि हरियाणा के सभी जिलों में ऑनलाइन स्वास्थ्य पोर्टलों पर कार्य ठप कर दिया गया है। आशा पे एप के माध्यम से इन वर्कर्स का कार्य वेरिफाई किया जाता है, लेकिन हड़ताल के कारण यह प्रक्रिया रुक गई है।


सरकार की जवाबदेही पर सवाल

एसोसिएशन के महासचिव ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त कर्मचारियों की जवाबदेही तय नहीं करना गलत है। एमपीएचडब्ल्यू वर्ग पर अतिरिक्त बोझ डालकर उनका शोषण किया जा रहा है। जब तक सरकार पहले से नियुक्त कर्मचारियों की जवाबदेही तय नहीं करती और आवश्यक संसाधन प्रदान नहीं करती, तब तक ऑनलाइन स्वास्थ्य पोर्टलों का बहिष्कार जारी रहेगा।


जनता की परेशानियों की जिम्मेदारी सरकार की

हड़ताल के चलते आम जनता को हो रही परेशानियों की जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार और स्वास्थ्य विभाग की होगी।