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जींद में धान कटाई से पहले कंबाइन हार्वेस्टर पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अनिवार्य

जींद में प्रशासन ने धान कटाई से पहले कंबाइन हार्वेस्टर पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) लगाना अनिवार्य कर दिया है। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए रेड और येलो जोन में विशेष निगरानी रखी जाएगी। जिले में 736 नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो किसानों को पराली प्रबंधन के प्रति जागरूक करेंगे। जानें इस पहल के पीछे की वजहें और प्रशासन की योजना के बारे में।
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जींद में धान कटाई से पहले कंबाइन हार्वेस्टर पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अनिवार्य

पराली जलाने की रोकथाम के लिए सख्त कदम



  • पराली जलाने की घटनाओं पर रोक की कवायद, रेड एवं येलो जोन के तहत चिन्हित गांवों पर रखी जाएगी विशेष निगरानी

  • जिले में 736 नोडल अधिकारी तैनात, रेड और येल्लो जोन में प्रत्येक 50 किसानों पर एक नोडल अधिकारी


जींद। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने कठोर कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में रेड और येलो जोन में चिन्हित गांवों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहेंगे और किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक करेंगे। सभी कंबाइन हार्वेस्टर मालिकों को धान की कटाई से पहले सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) लगाना अनिवार्य किया गया है।


यदि कोई इस निर्देश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह दिशा-निर्देश उपायुक्त ने सोमवार को लघु सचिवालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों को दिए। इससे पहले हरियाणा के मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यभर के उपायुक्तों को पराली प्रबंधन की समीक्षा करते हुए दिशा-निर्देश दिए।


जिले में 736 नोडल अधिकारियों की तैनाती

उपायुक्त ने कहा कि जिले में कुल 736 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। इनमें से रेड और येलो जोन में प्रत्येक 50 किसानों पर एक नोडल अधिकारी जबकि ग्रीन जोन में 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। इन अधिकारियों का कार्य होगा कि वे किसानों को पराली प्रबंधन की विधियों के बारे में जानकारी दें और उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। वर्तमान में जिले के ढाकल, धमतान साहिब, कालवान और राजगढ़ धोबी गांव रेड जोन में हैं, जबकि 46 गांव येलो जोन में शामिल हैं।


जो गांवों का एएफएल (एवरेज फायर लोकेशन) 6 या उससे अधिक है, वे रेड जोन में आते हैं। एएफएल दो से पांच के बीच वाले गांव येलो जोन में और जिनका एएफएल दो से कम है, वे ग्रीन जोन में वर्गीकृत किए गए हैं। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि रेड और येलो जोन वाले क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखी जाए ताकि आगजनी की घटनाएं न हों। पुलिस विभाग को भी कहा गया कि गश्त बढ़ाई जाए और चेक प्वाइंट्स पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।


किसानों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे किसानों को लगातार जागरूक करें और उन्हें समझाएं कि पराली प्रबंधन न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे आय का साधन भी बनाया जा सकता है। सरकार की ओर से पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका उपयोग कर किसान लाभ उठा सकते हैं।


उपायुक्त ने जिले के किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने की प्रवृत्ति से बचें और प्रशासन को सहयोग देकर जींद को 'जीरो बर्निंग' जिला बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। इस अवसर पर सहायक कृषि अभियंता विजय कुमार कुंडू सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।