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जींद में नहर में डूबने की घटनाएं बढ़ी, प्रशासन की पाबंदियां बेअसर

जींद में नहर में डूबने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि प्रशासन ने नहाने पर पाबंदी लगाई है। हाल ही में एक युवक की डूबने की घटना ने चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने एनडीआरएफ की मदद से खोजबीन शुरू की, लेकिन युवक का कोई पता नहीं चला। इस वर्ष अब तक छह डूबने की घटनाएं हो चुकी हैं, फिर भी लोग चेतावनी बोर्डों की अनदेखी कर रहे हैं। जानें इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई और नहरों की स्थिति के बारे में।
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जींद में नहर में डूबने की घटनाएं बढ़ी, प्रशासन की पाबंदियां बेअसर

युवक की नहर में डूबने की घटना


जींद में एक युवक, जो अपने दोस्त के साथ नहर में नहाने गया था, डूब गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एनडीआरएफ तथा गोताखोरों की मदद से खोजबीन शुरू की, लेकिन युवक का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। 25 वर्षीय मोनू, जो भिवानी रोड के वाल्मीकि मोहल्ले का निवासी है, अपने दोस्त कुलदीप के साथ शनिवार शाम को नहर पर गया था।


प्रशासन की कार्रवाई

जब कुलदीप और अन्य लोगों ने मोनू को डूबते देखा, तो उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह पानी से बाहर नहीं आ सका। इसके बाद कुलदीप ने अपने परिवार और पुलिस को सूचित किया। प्रशासन ने तुरंत मोनू की तलाश शुरू की और एनडीआरएफ की टीम को बुलाया। खोजबीन के दौरान लगभग तीन किलोमीटर तक तलाश की गई, लेकिन मोनू का कोई सुराग नहीं मिला।


नहर में डूबने की बढ़ती घटनाएं

इस वर्ष 2025 में नहर में डूबने की छह घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद, पुलिस और प्रशासन ने नहरों में नहाने पर पाबंदी लगाई है और चेतावनी बोर्ड भी लगाए हैं। फिर भी, हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले मंगलवार को भी एक युवक नहर में गिर गया था, जबकि उसका दोस्त बच गया।


नहरों की स्थिति और प्रशासन की लापरवाही

जींद जिले में हांसी ब्रांच, सुंदर ब्रांच, भिवानी नहर, भाखड़ा नहर और सिरसा ब्रांच जैसी पांच बड़ी नहरें हैं, जिनमें 1200 से 1500 क्यूसेक पानी बहता है। नहरों में नहाना और कपड़े धोना गैरकानूनी है, और इसके उल्लंघन पर धारा 188 आईपीसी के तहत कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, प्रशासन द्वारा लगाए गए चेतावनी बोर्डों के बावजूद लोग नहरों में नहाने से बाज नहीं आ रहे हैं।