Newzfatafatlogo

जींद में भिक्षावृत्ति करने वाले पांच बच्चों का सफल रेस्क्यू

जींद में मानव तस्करी विरोधी इकाई और एमडीडी ऑफ इंडिया ने एक सफल अभियान चलाते हुए पांच बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया। इन बच्चों की उम्र आठ से 15 वर्ष के बीच है, और उन्हें मार्केट में भीख मांगते हुए देखा गया था। अभियान के दौरान, बच्चों के अभिभावकों को चेतावनी दी गई कि भविष्य में यदि वे दोबारा भिक्षावृत्ति में संलिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस रेस्क्यू अभियान ने स्थानीय समुदाय में जागरूकता बढ़ाई है।
 | 
जींद में भिक्षावृत्ति करने वाले पांच बच्चों का सफल रेस्क्यू

संयुक्त अभियान से बच्चों का रेस्क्यू


  • मानव तस्करी विरोधी इकाई और एमडीडी ऑफ इंडिया का संयुक्त प्रयास


जींद। मानव तस्करी विरोधी इकाई और गैर सरकारी संगठन एमडीडी ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक संयुक्त अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने डीआरडीए के सामने स्थित हुडा मार्केट में भिक्षावृत्ति कर रहे पांच बच्चों को रेस्क्यू किया। एमडीडी ऑफ इंडिया के जिला समन्वयक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ समय से शिकायतें आ रही थीं कि लगभग एक दर्जन छोटे बच्चे इस मार्केट में भीख मांग रहे हैं। इनकी उम्र सात से लेकर 14-15 वर्ष के बीच थी।


इन बच्चों की गतिविधियों के कारण दुकानदारों और राहगीरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। जब भी कोई वाहन रुकता, ये बच्चे भीख मांगने के लिए दौड़ पड़ते थे। विशेषकर महिला ग्राहकों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि ये बच्चे उनके पीछे दुकान के अंदर भी घुस जाते थे। दुकानदारों और ग्राहकों द्वारा डांटने के बावजूद, ये बच्चे सुबह से शाम तक मार्केट में भीख मांगते रहे। दीपावली के समय यह समस्या और भी गंभीर हो गई थी, जिसके चलते कई दुकानदारों और ग्राहकों ने शिकायत की।


बच्चों की उम्र और स्थिति


इसके बाद, संयुक्त दल ने मानव तस्करी विरोधी इकाई के इंचार्ज एएसआई संदीप के नेतृत्व में मार्केट पर नजर रखना शुरू किया। जैसे ही बच्चे भिक्षावृत्ति के लिए पहुंचे, पांच बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इनमें दो लड़कियां और तीन लड़के शामिल थे, जिनकी उम्र आठ से 15 वर्ष थी। खास बात यह है कि इन बच्चों की दो बड़ी बहनें, जिनकी उम्र लगभग 20 वर्ष थी, उनकी चाची और मामी भी इनके साथ भीख मांगने में शामिल थीं, लेकिन वे मौके से गायब हो गईं।


इन सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बच्चों के अभिभावकों को बुलाया गया और उन्हें सख्त चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में वे दोबारा भिक्षावृत्ति में संलिप्त पाए गए, तो बच्चों को शेल्टर होम भेजा जाएगा और अभिभावकों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी।