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जुबिन गर्ग का निधन: असम के संगीत जगत में शोक की लहर

असम के मशहूर गायक जुबिन गर्ग का 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुए हादसे ने संगीत जगत को हिला कर रख दिया। जुबिन, जिन्हें असम का 'रॉकस्टार' कहा जाता था, ने 32,000 से अधिक गाने गाए और कई भाषाओं में अपनी पहचान बनाई। उनके निधन पर असम के मुख्यमंत्री और कई अन्य हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। जानें उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातें और उनके योगदान के बारे में।
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जुबिन गर्ग का निधन: असम के संगीत जगत में शोक की लहर

जुबिन गर्ग का निधन

जुबिन गर्ग का निधन: असम के संगीत क्षेत्र में आज एक दुखद घटना घटी है। प्रसिद्ध गायक, संगीतकार और अभिनेता जुबिन गर्ग का 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान एक दुर्घटना ने पूरी इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया। जुबिन, जिन्हें असम का 'रॉकस्टार' कहा जाता था, नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे। उन्हें 20 सितंबर को परफॉर्म करना था, लेकिन 18 सितंबर को डाइविंग के दौरान यह हादसा हुआ। सिंगापुर पुलिस ने उन्हें बचाने की कोशिश की और अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इंटेंसिव केयर में डॉक्टरों की सभी कोशिशें विफल रहीं। इस खबर ने उनके प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया।


जुबिन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को मेघालय के जोरहाट में हुआ था। उनका असली नाम जुबिन बोरठाकुर था, लेकिन 90 के दशक में उन्होंने 'गर्ग' नाम अपनाया। असम में 90 के दशक से ही उनकी आवाज ने धूम मचाई। उन्होंने लोकल म्यूजिक से शुरुआत की और असमिया, बंगाली और हिंदी गानों में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने लगभग 32,000 गाने गाए, जो 40 भाषाओं में फैले हुए हैं।


 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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असम के अलावा, बॉलीवुड में उनका गाना 'या अली' भी बेहद लोकप्रिय रहा। 2006 की फिल्म 'गैंगस्टर' का यह गाना सुनकर सोनू निगम जैसे प्रसिद्ध गायक भी उनकी तारीफ कर चुके हैं। इस गाने ने उन्हें ग्लोबल इंडियन फिल्म अवार्ड्स में बेस्ट प्लेबैक सिंगर का पुरस्कार दिलाया। इसके अतिरिक्त, 'मिशन चाइना', 'सीकार' जैसी असमिया फिल्मों में उन्होंने संगीत दिया और अभिनय भी किया।


2002 में बहन का निधन


जुबिन केवल एक गायक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक भी थे। उन्होंने असमिया सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए कई फिल्में बनाई। वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे। 2024 में मेघालय विश्वविद्यालय से उन्हें डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद डिग्री प्राप्त हुई। हालांकि, उन्होंने जीवन में कई दुख भी सहन किए। 2002 में उनकी छोटी बहन जॉन्की बोरठाकुर का कार दुर्घटना में निधन हुआ, जिसके बाद उन्होंने 'क्षीक्षु' नामक एल्बम बनाया।


असम के मुख्यमंत्री ने जताया शोक


जुबिन के निधन की खबर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'असम ने अपना एक प्यारा बेटा खो दिया। जुबिन दा केवल एक आवाज नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की धड़कन थे।' पूर्व राज्य सभा सांसद रिपु बोरा ने ट्विटर पर लिखा, 'हमारे सांस्कृतिक प्रतीक का अचानक चले जाना एक बड़ा सदमा है। उनकी संगीत ने पीढ़ियों को प्रेरित किया।' अभिनेता अदिल हुसैन ने भी भावुक होकर कहा, 'जुबिन की मौत ने हमें तोड़ दिया। उनके गाने हमेशा जीवित रहेंगे।' जुबिन की मृत्यु ने पूरे नॉर्थ ईस्ट को गमगीन कर दिया है। प्रशंसक सोशल मीडिया पर उनके पुराने गाने साझा कर उन्हें याद कर रहे हैं। 'या अली' सुनते हुए आंसू आ जाते हैं।