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जेन ज़ेड की उधार की नॉस्टैल्जिया: एक नई सामाजिक प्रवृत्ति

आज की युवा पीढ़ी, जिसे जेन ज़ेड कहा जाता है, एक नई सामाजिक प्रवृत्ति का अनुभव कर रही है, जिसे 'उधार की नॉस्टैल्जिया' कहा जाता है। यह भावना उन दशकों के प्रति एक जुड़ाव को दर्शाती है जिनमें वे स्वयं उपस्थित नहीं थे। जानें कि कैसे इंटरनेट और सोशल मीडिया ने इस नॉस्टैल्जिया को आकार दिया है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
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जेन ज़ेड की उधार की नॉस्टैल्जिया: एक नई सामाजिक प्रवृत्ति

युवा पीढ़ी की नई भावना

आज की युवा पीढ़ी, जिसे जेन ज़ेड (Gen Z) के नाम से जाना जाता है, एक अनोखी सामाजिक प्रवृत्ति का अनुभव कर रही है। ये युवा, जो 1990 के दशक के अंत से लेकर 2010 के दशक की शुरुआत तक जन्मे हैं, ऐसे दशकों और सांस्कृतिक युगों के प्रति एक प्रकार की नॉस्टैल्जिया का अनुभव कर रहे हैं जिनमें वे स्वयं उपस्थित नहीं थे। इसे 'उधार की नॉस्टैल्जिया' कहा जाता है। यह सामान्य नॉस्टैल्जिया से भिन्न है, जिसमें लोग अपने बचपन या व्यक्तिगत अनुभवों को याद करते हैं। जेन ज़ेड को 80 के दशक के फैशन, 90 के दशक के संगीत, और 2000 के दशक की प्रारंभिक फिल्मों और जीवनशैली से जुड़ाव महसूस होता है, जबकि उनका जन्म या बचपन इन समयों के बाद हुआ।


इस भावना के पीछे क्या कारण हैं? विशेषज्ञ और सामाजिक पर्यवेक्षक कई पहलुओं की ओर इशारा करते हैं। 'उधार की नॉस्टैल्जिया' डिजिटल युग की एक विशेष घटना है, जो दर्शाती है कि कैसे इंटरनेट और सोशल मीडिया हमारी भावनाओं और सांस्कृतिक संदर्भों को प्रभावित कर सकते हैं, यहां तक कि उन समयों के प्रति भी जिन्हें हमने व्यक्तिगत रूप से अनुभव नहीं किया।