Newzfatafatlogo

झारखंड में कफ सिरप के सेवन से बच्ची की मौत, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

झारखंड के कोडरमा जिले में एक डेढ़ वर्षीय बच्ची की कफ सिरप के सेवन के बाद मौत हो गई, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। परिजनों का कहना है कि बच्ची की तबीयत सिरप पीने के बाद बिगड़ी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। यह घटना राज्य में कफ सिरप की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है, खासकर पिछले कुछ महीनों में हुई अन्य मौतों के संदर्भ में।
 | 
झारखंड में कफ सिरप के सेवन से बच्ची की मौत, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

कोडरमा में बच्ची की मौत का मामला

रांची: झारखंड के कोडरमा जिले में एक डेढ़ वर्षीय बच्ची की कफ सिरप के सेवन के बाद मौत हो गई, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मृतक बच्ची की पहचान रवि भुइयां की पुत्री रागिनी कुमारी के रूप में हुई है।


इस घटना ने राज्य में कफ सिरप की गुणवत्ता और बच्चों के लिए इसके सुरक्षित उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों के अनुसार, रागिनी पिछले दो दिनों से खांसी से पीड़ित थी। घरेलू उपचार के तहत, उन्होंने पास की एक मेडिकल दुकान से कफ सिरप खरीदी और उसे दिया। सिरप पीने के कुछ समय बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी। वह बेचैन हो गई और सांस लेने में कठिनाई महसूस करने लगी।


परिजन तुरंत बच्ची को रविवार को कोडरमा सदर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत की खबर से परिवार में शोक का माहौल बन गया। मृत बच्ची की मां का कहना है कि सिरप देने के बाद ही रागिनी की हालत बिगड़ी और उसकी जान चली गई।


कोडरमा के सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ड्रग इंस्पेक्टर को जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित कफ सिरप की कंपनी, उसकी एक्सपायरी डेट और मेडिकल दुकान की भूमिका की भी जांच की जाएगी। बच्ची की मौत के असली कारणों का पता जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा।


गौरतलब है कि अक्टूबर में राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने के बाद कई बच्चों की मौत के मामलों के बाद झारखंड सरकार ने तीन कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने आदेश जारी किया था कि कोल्ड्रेफ, रेपीफ्रेश टीआर, और रिलाइफ सिरप को ‘मानक के विपरीत’ पाया गया है।


जांच रिपोर्ट में इन सिरप में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल की मात्रा निर्धारित मानकों से अधिक पाई गई है। निदेशालय ने मेडिकल स्टोर और अस्पतालों में निरीक्षण, सैंपलिंग और कानूनी कार्रवाई के आदेश भी जारी किए थे।