झारखंड में यूनिसेफ कार्यों की निरंतर समीक्षा के लिए प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक
झारखंड समाचार: झारखंड में सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए मंगलवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में यूनिसेफ के कार्यों पर चर्चा की गई, जिसमें मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यूनिसेफ से कहा कि वे अपने कार्यों की नियमित समीक्षा के लिए एक प्रणाली विकसित करें। झारखंड में सतत विकास के लिए यूनिसेफ द्वारा किए जा रहे प्रयासों के समान ही राज्य सरकार भी कार्य कर रही है। इस बैठक में सचिव मस्त राम मीणा, मनोज कुमार, मुकेश कुमार, उमाशंकर सिंह, नेहा अरोड़ा और यूनिसेफ की झारखंड प्रमुख कानिनिका मित्रा तथा उनके सहयोगी उपस्थित थे।
अनुभव साझा करने की आवश्यकता
अनुभव साझा करने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि यूनिसेफ को अपनी फील्ड गतिविधियों, अनुभवों और सुझावों को बैठक में साझा करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों से संबंधित सरकारी योजनाओं के साथ बेहतर तालमेल स्थापित किया जाए। योजनाओं की निगरानी और उनके परिणामों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
अन्य राज्यों के कार्यों का अध्ययन
अन्य राज्यों का करें अध्ययन
अलका तिवारी ने कहा कि अन्य राज्यों में सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे सफल कार्यों का अध्ययन और विश्लेषण किया जाना चाहिए। इसके आधार पर झारखंड में उनके कार्यान्वयन के लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सभी को योजना विभाग के साथ एक पोर्टल पर डेटा साझा करने का निर्देश दिया गया, ताकि डेटा में कोई विसंगति न हो।
यूनिसेफ की सराहना
यूनिसेफ की हुई प्रशंसा
मुख्य सचिव ने हाथ की सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए यूनिसेफ की सराहना की। उन्होंने कहा कि पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर लोगों को जागरूक और सक्षम बनाना आवश्यक है। इससे पहले, यूनिसेफ ने झारखंड में बच्चों के लिए किए गए कार्यों और उपलब्धियों पर एक प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।