टीएमसी पार्षद ने स्कूल भर्ती घोटाले पर मांगी माफी

टीएमसी नेता की माफी
टीएमसी नेता की माफी: पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक पार्षद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस वीडियो में उन्होंने स्कूल भर्ती घोटाले के संबंध में अपनी पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए और जनता से माफी मांगी। तामलुक नगर पालिका के वार्ड संख्या 10 से टीएमसी पार्षद और वकील पार्थसारथी मैती वीडियो में कान पकड़कर खड़े हैं और रोते हुए कहते हैं, 'हमारे जिले के नेताओं ने पैसे लिए लेकिन कुछ नहीं बोल रहे हैं।'
नेता प्रतिपक्ष पर आरोप
मैती ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि वह इसलिए बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं क्योंकि टीएमसी का नेतृत्व मौन है। उन्होंने जनता से कहा, 'मैं उनकी तरफ से माफी मांगता हूं।' शुभेंदु अधिकारी ने दिसंबर 2020 में विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे और अब राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।
अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति का आरोप
अयोग्य शिक्षकों की अवैध नियुक्ति
पार्षद ने आरोप लगाया कि पूर्वी मेदिनीपुर, जिसे शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है, में 2016 में कई अयोग्य शिक्षकों की अवैध नियुक्ति की गई थी। उनका कहना है कि इस मामले में टीएमसी नेताओं का एक समूह शामिल था और अब वही लोग 'मास्टरमाइंड' को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। मैती ने कहा कि जिले के सभी नेता जानते हैं कि घोटाले के पीछे कौन है, लेकिन कोई भी सामने आकर बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा।
टीएमसी विपक्ष के निशाने पर
टीएमसी विपक्ष के निशाने पर
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में राज्य सरकार के स्कूलों में 26,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी थी। अदालत ने पाया कि 2016 की भर्ती प्रक्रिया में कई त्रुटियाँ थीं। इसके बाद से ही राज्य सरकार और सत्तारूढ़ टीएमसी विपक्ष के निशाने पर हैं।
नेता की चुप्पी पर सवाल
नेता की चुप्पी को बताया शर्मनाक
मैती ने वीडियो में यह भी कहा कि पूर्वी मेदिनीपुर आजादी और आंदोलनों की धरती है, लेकिन आज शुभेंदु अधिकारी गर्व से घूम रहे हैं क्योंकि जिले के कुछ नेताओं ने उनकी मदद की थी। उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेता की चुप्पी को शर्मनाक बताया।